शिमला: प्रदेश में कल से डॉक्टर अपनी सेवाएं पहले की तरह देंगे. डॉक्टरों ने पेन डाउन स्ट्राइक खत्म करने का फैसला लिया है. मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू के साथ बैठक के बाद हिमाचल प्रदेश मेडिकल ऑफिसर एसोसिएशन ने यह फैसला लिया. इस बैठक में एसोसिएशन के अध्यक्ष डॉ. राजेश राणा सहित अन्य पदाधिकारी शामिल रहे. बैठक में मेडिकल कॉलेजों की टीचर्स एसोसिएशन और इनके एससीए के पदाधिकारी शामिल हुए.
इस बैठक में डॉक्टरों ने एनपीए के फैसले को वापस लेने की मांग की. मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने डॉक्टरों को आश्वासन दिया है कि जब सरकार डॉक्टरों की भर्तियां करेगी तब एनपीए के फैसले पर वह दोबारा से विचार करेगी. मेडिकल एसोसिएशन के पदाधिकारियों ने मुख्यमंत्री के सामने डॉक्टरों की कई अन्य मांगें भी रखीं, जिनमें मेडिकल कॉरपोरेशन में डॉक्टरों को प्रतिनिधित्व देना, मेडिकल कॉलेजों के प्रिंसिपल और एमएस की शक्तियों को कम करने के सरकार के फैसले को रद्द करने सहित डॉक्टरों की पदोन्नति भी शामिल है. मुख्यमंत्री ने डॉक्टरों को आश्वासन दिया कि सरकार एनपीए सहित अन्य फैसलों पर पुनर्विचार करेगी. मेडिकल कॉलेजों के प्रिंसिपल और एमएस की शक्तियों पहले को तहत रहेंगी.
बैठक के बाद सीएम सुखविंदर सिंह सुक्खू ने कहा कि डॉक्टरों ने सरकार से बात किए बिना ही स्ट्राइक कर दी. उन्होंने कहा कि सरकार ने पहले नियुक्त डॉक्टरों का एनपीए वापस नहीं लिया है, जब नई भर्तियां होगी तब सरकार इस पर विचार करेगी. डॉक्टरों की कई मांगों को सरकार ने मान लिया है, बाकी मांगों पर भी सरकार फैसला लेगी. हिमाचल मेडिकल ऑफिसर एसोसिएशन के अध्यक्ष डॉ. राजेश राणा ने कहा कि सीएम सुखविंदर सिंह ने एनपीए पर विचार करने का फैसला लिया है. बैठक में कई अन्य मांगों पर भी सरकार ने सहमति दी है, ऐसे में डॉक्टरों ने स्ट्राइक वापस लेने का फैसला लिया है. स्टेट मेडिकल कॉलेज टीचर्स एसोसिएशन के अध्यक्ष डॉ. राजेश सूद ने कहा कि सीएम के साथ डॉक्टर्स की बातचीत सौहार्दपूर्ण तरीके से हुई है. सरकार ने मेडिकल कॉलेजों में प्रिंसिपल और एमएस को उनकी शक्तियां वापस देने पर सहमति दी है. नेरचौक और चंबा मेडिकल कॉलेज के एससीए पदाधिकारियों ने भी बैठक के बाद स्ट्राइक खत्म करने का एलान किया.