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ऊना प्रकरण पर नहीं टूटा गतिरोध: CM ने किया सीआईडी जांच का ऐलान, विपक्ष एसपी ऊना को हटाने पर अड़ा

हिमाचल विधानसभा के मानसून सत्र के दूसरे दिन भी ऊना प्रकरण गूंजा रहा. सीएम ने सीआईडी जांच के आदेश दिए हैं वहीं विपक्ष एसपी ऊना को हटाने की मांग पर अड़ा है.

mla rayzada

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Published : Aug 20, 2019, 11:26 PM IST

शिमला: हिमाचल विधानसभा के मानसून सत्र के दूसरे दिन भी ऊना प्रकरण पर सत्ता पक्ष और विपक्ष में गतिरोध नहीं टूटा. बेशक सीएम जयराम ठाकुर ने ऊना मामला सीआईडी के आईजी को सौंपने और 15 दिन में जांच पूरी करने का ऐलान किया, लेकिन विपक्ष एसपी ऊना को हटाने पर अड़ा रहा.


समूचे प्रश्नकाल के दौरान सदन के वेल में जाकर नारेबाजी करने के बाद विपक्ष ने वॉकआउट कर दिया. विपक्ष को इस बात पर कड़ा ऐतराज है कि ऊना के विधायक सतपाल रायजादा के निजी स्टाफ को हथकड़ी क्यों लगाई गई. विपक्ष का ये भी आरोप है कि सरकार विधायक पद की गरिमा पर प्रहार कर रही है. दूसरे दिन की कार्यवाही शुरू होने से पहले विपक्ष के सदस्य विधानसभा अध्यक्ष डॉ. राजीव बिंदल के कक्ष में पहुंचे और उनके समक्ष अपना पक्ष रखा.


कांग्रेस के विधायकों ने सीएम जयराम ठाकुर को भी ऊना मामले में अपना पक्ष बताया. इस कारण सदन की कार्यवाही भी पूर्वाह्न 11 बजे के कुछ देर बाद ही शुरू हुई. विधानसभा अध्यक्ष राजीव बिंदल ने जैसे ही सदन में प्रश्नकाल आरंभ करने का निर्देश दिया, विपक्ष के नेता मुकेश अग्निहोत्री अपनी सीट से खड़े हुए और कहने लगे कि विपक्ष ने नियम 67 के तहत ऊना प्रकरण पर चर्चा मांगी थी, लेकिन उसकी इजाजत नहीं मिली.


मुकेश अग्निहोत्री ने कहा कि कांग्रेस हर तरह के माफिया के खिलाफ है और इस मसले पर सारा विपक्ष सरकार के साथ खड़ा है. मुकेश के अनुसार सीएम ने पिछले कल सदन में कहा कि सारा विपक्ष माफिया का हमदर्द बनकर खड़ा है. इस बात पर विपक्ष को एतराज है. एसपी ऊना ने कांग्रेस विधायक को मामले में ट्रैप करने का प्रयास किया. विधायक के निजी स्टाफ की खुद एसपी ने पिटाई की.


मुकेश ने कहा कि विपक्ष एसपी ऊना को हटाने की मांग कर रहा है. साथ ही सीएम जयराम ठाकुर को भी उस बात के लिए माफी मांगनी चाहिए, जिसमें उन्होंने विपक्ष पर माफिया का साथ देने का आरोप लगाया. सीएम जयराम ठाकुर ने इसका जवाब दिया और बोले कि उन्होंने कभी भी विपक्ष को माफिया के साथ नहीं जोड़ा. जयराम ठाकुर ने कहा कि उन्होंने सिर्फ इस बात पर पीड़ा जताई कि एक नशा माफिया के संरक्षण में इस तरह विपक्ष एकसाथ खड़ा होगा, ये उन्होंने सोचा नहीं था.


सीएम जयराम ठाकुर ने कहा कि सरकार ने इस मसले का हल निकालने के लिए एक रास्ता सोचा है. पूरे मामले की जांच से एसपी ऊना को दूर रखा जाएगा और जांच सीआईडी के आईजी करेंगे. वे 15 दिन में जांच पूरी करेंगे. यदि जांच में एसपी ऊना दोषी पाए गए तो उनके खिलाफ विभागीय जांच होगी. सीएम ने कहा कि ये साफ है कि शराब पकड़ी गई है. कार्रवाई शराब माफिया के खिलाफ है न कि एमएलए के खिलाफ. जयराम ने कहा कि एसपी को यदि हटाया जाता है तो इससे शराब माफिया के बीच गलत संदेश जाएगा. इसी बीच, आशा कुमारी ने कहा कि कांग्रेस को शराब माफिया पर कार्रवाई से कोई एतराज नहीं है. माफिया को जेल में डाल दो, लेकिन जांच का सिद्धांत है कि जिसके खिलाफ हो रही है, उसे रिमूव किया जाए.


इस पर सीएम ने कहा कि सिटिंग एसपी से जांच को आईजी सीआईडी को देना एक बड़ा संकेत व संदेश है. जांच में एसपी का कोई दखल नहीं होगा. उधर, कांग्रेस विधायक सुखविंद्र सिंह ने भी एसपी ऊना को अवकाश पर भेजने की बात कही. मुकेश अग्निहोत्री ने भी कहा कि 15 दिन के लिए एसपी को हटाने में सरकार को क्या दिक्कत है. सरकार के ऐलान के बाद भी विपक्ष संतुष्ट नहीं हुआ और नारेबाजी करता हुआ वेल में आ गया. कांग्रेस के सदस्यों के साथ माकपा विधायक राकेश सिंघा भी वेल में आ गए. शोर-शराबे के बीच ही स्पीकर ने प्रश्नकाल आरंभ कर दिया. मुख्यमंत्री व अन्य ने भारी शोर के बीच सवालों के जवाब दिए. प्रश्नकाल खत्म होने के बाद विपक्ष ने भी वॉकआउट कर दिया. कांग्रेस सदस्य भोजन अवकाश के बाद भी सदन में नहीं आए.

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