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फोरलेन निर्माण में आने वाली समस्याओं पर चर्चा, अतिरिक्त मुख्य सचिव ने निर्देश किए जारी

मनीषा नन्दा ने कहा कि कीरतपुर-मनाली, परवाणु-शिमला और बद्दी नालागढ़ फोरलेन परियोजनाओं के अधिग्रहण के लिए राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण से लगभग 4260 करोड़ रुपये की राशि प्राप्त हुई है, जिसमें 4004 करोड़ रुपये इच्छुक भूमि मालिकों को वितरित कर दिए गए हैं.

फोरलेन के निर्माण में आने वाली समस्याओं पर चर्चा

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Published : May 25, 2019, 9:49 PM IST

शिमला: अतिरिक्त मुख्य सचिव (लोक निर्माण एवं राजस्व) मनीषा नन्दा ने शनिवार भारतीय राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण और राष्ट्रीय राजमार्ग के फोरलेन परियोजनाओं के निर्माण की प्रगति पर समीक्षा बैठक की अध्यक्षता की. उन्होंने संबंधित विभागों द्वारा राजमार्ग के निर्माण में आने वाली सभी समस्याओं और बाधाओं पर चर्चा की.

मनीषा नन्दा ने कहा कि कीरतपुर-मनाली, परवाणु-शिमला और बद्दी नालागढ़ फोरलेन परियोजनाओं के अधिग्रहण के लिए राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण से लगभग 4260 करोड़ रुपये की राशि प्राप्त हुई है, जिसमें 4004 करोड़ रुपये भूमि मालिकों को वितरित कर दिए गए हैं.

मनीषा नन्दा ने कहा कि राजमार्गों के निर्माण के लिए निजी संपत्तियां जोकि 'राइट ऑफ वे' से बाहर स्थित है, को लेकर नुकसान की शिकायतें प्राप्त हो रही हैं, जिसके लिए एनएचएआई द्वारा मुआवजे के भुगतान का कोई प्रावधान नहीं किया गया है. ऐसे मामलों में नुकसान का मूल्यांकन कर जिला स्तरीय समिति द्वारा प्रभावितों को मुआवजा दिया जाएगा. उन्होंने किसी भी तरह की असुविधा से बचने और मिशन मोड में समस्या के निपटारे और भूमि मालिकों को समय पर राहत प्रदान करने पर बल दिया. उन्होंने कहा कि जो घर 'राईट ऑफ वे' के अंतर्गत नहीं आते हैं उन्हें गृह मालिकों की सहमति से पूरी तरह से प्राप्त किया जाना चाहिए ताकि उनकी शिकायतों का निवारण हो सके.

किरतपुर-मनाली फोरलेन परियोजना की समीक्षा करते हुए कहा कि इसका अधिकांश कार्य पूरा हो चुका है और शेष कार्य 15 जुलाई, 2019 तक बरसात से पहले पूरा कर लिया जाएगा. उन्होंने इसी प्रकार परवाणु-सोलन और परवाणु-शिमला खण्ड में कार्य को मिशन मोड पर करने के निर्देश दिए. उन्होंने एनएचएआई के अधिकारियों को परियोजनाओं को समय पर पूरा करने के लिए हरसंभव सहायता प्रदान करने का आश्वासन दिया और बैठक में उपस्थित सभी अधिकारियों को समन्वय के साथ कार्य करने के निर्देश दिए.

मनीषा नन्दा ने कहा कि जिन भूमि मालिकों ने नोटिस जारी होने के बावजूद मुआवजा नहीं लिया है उनके लिए उपयुक्त स्थानों पर जिला पंचायती राज संस्थानों, जिला प्रशासन, हित धारकों और स्थानीय प्रतिनिधियों के सहयोग से शिविर आयोजित कर मुआवजे की अदायगी कार्य को पूरा करने पर बल दिया.

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