शिमला:भारत-बांग्लादेश मैत्री संबंधों की 50वीं वर्षगांठ (Anniversary of India-Bangladesh Friendship Relations) पर शिमला के होटल पीटरहॉफ में भारत और बांग्लादेश काउंसिल संयुक्त रूप से अपने 10वां मैत्री संवाद का आयोजन कर रही है. इसके लिए दोनों देशों के गणमान्य शिमला में एकत्र हुए. आज दिनभर चली संगोष्ठी में अनेक नेताओं ने अपने विचार साझा किए. इसके बाद राज्यपाल राजेंद्र विश्वनाथ आर्लेकर ने राजभवन में भारत और बांग्लादेश काउंसिल के सदस्यों के सम्मान में रात्रि भोज का (Dinner at Shimla RAJBHAWAN)आयोजन किया. इस अवसर पर भारत के विदेश राज्य मंत्री राजकुमार सिंह और बांग्लादेश के विदेश राज्य मंत्री मोहम्मद शहरीयार आलम सहित दोनों देशों के अनेक गणमान्य मौजूद रहे.
भारत-बांग्लादेश काउंसिल सदस्यों के लिए राजभवन में रात्रि भोज का आयोजन, विदेश राज्य मंत्री भी हुए शामिल - भारत बांग्लादेश काउंसिल
भारत-बांग्लादेश मैत्री संबंधों की 50वीं वर्षगांठ (Anniversary of India-Bangladesh Friendship Relations) पर शिमला के होटल पीटरहॉफ में भारत और बांग्लादेश काउंसिल संयुक्त रूप से अपने 10वां मैत्री संवाद का आयोजन कर रही है. इसके लिए दोनों देशों के गणमान्य शिमला में एकत्र हुए. आज दिनभर चली संगोष्ठी में अनेक नेताओं ने अपने विचार साझा किए. इसके बाद राज्यपाल राजेंद्र विश्वनाथ आर्लेकर ने राजभवन में भारत और बांग्लादेश काउंसिल के सदस्यों के सम्मान में रात्रि भोज का (Dinner at Shimla RAJBHAWAN) आयोजन किया.
राज्यपाल ने अतिथियों का हिमाचल आगमन पर स्वागत किया और कहा कि भारत-बांग्लादेश के मधुर संबंधों का यह स्वर्णिम पढ़ाव है. 50 वर्षों का यह गहरा नाता इस तरह से हमें और नजदीक लाने में सहायता मिलती है. उन्होंने बांग्लदेश और भारत फाउंडेशन को (Bangladesh and India Foundation) बधाई देते हुए कहा कि उनके सार्थक पहल से संबंधों का यह प्रवाह निरंतर बढ़ रहा. उन्होंने कहा कि साझी सभ्यता की विरासत से बंधे होने के अलावा, दोनों देश लोकतंत्र तथा शांति, स्थिरता व समृद्धि की इच्छा के समान मूल्यों को साझा करते रहे. प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी और प्रधान मंत्री शेख हसीना के नेतृत्व में भारत और बांग्लादेश ने पड़ोसी संबंधों का एक उदाहरण प्रस्तुत किया है.
राज्यपाल राजेंद्र विश्वनाथ आर्लेकर ने कहा कि भारत एक शांतिप्रिय राष्ट्र रहा. बांग्लादेश मुक्ति के बाद पाकिस्तान के युद्ध बंदियों को सम्मानपूर्वक रिहा कर हमने मानवता का परिचय दिया. आप जिस भवन में उपस्थित हैं वह अपने आप में उस गौरवमयी इतिहास को भी समेटे हुए है, जो बांग्लादेश के जनयुद्ध से भी जुड़ा है. 1972 को तत्कालीन प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी और पाकिस्तान के राष्ट्रपति जुल्फ़ीकार अली भुट्टो के बीच यहीं वह ऐतिहासिक 'शिमला समझौता' हुआ था. राज्यपाल ने कहा कि शिमला का शांत वातावरण और नैसर्गिक सौंदर्य उनकी मधुर स्मृतियों में हमेशा स्मरण रहेगा. उन्होंने आशा व्यक्त की कि उनको हिमाचल की मेहमान नवाज़ी पसंद आएगी और आपकी यह यात्रा सुखद रहेगी.
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