शिमला:प्रदेश की सुखविंदर सिंह सुक्खू की सरकार राज्य की सार्वजनिक वितरण प्रणाली का डिजिटाइजेशन कर रही है. राज्य में अभी तक 19.08 लाख राशन कार्डों का डिजिटाइजेशन पूरा कर चुकी है. इससे अब दोहरे और फर्जी राशन कार्डों की जांच की जा सकेगी.खाद्य और नागरिक आपूर्ति विभाग सार्वजनिक वितरण प्रणाली (पीडीएस) में दक्षता और पारदर्शिता में सुधार के लिए ‘एंड-टू-एंड कम्प्यूटरीकरण’ लागू कर रहा है.
19.08 लाख राशन कार्डों का डिजिटाइजेशन:राज्य सरकार के एक प्रवक्ता ने कहा है कि राज्य सरकार प्रणाली में दक्षता बढ़ाने और पारदर्शिता सुनिश्चित करने के लिए खाद्य वितरण प्रबंधन प्रणाली के डिजिटाइजेशन और आटोमेशन को बढ़ावा दे रही है. इसके तहत राशन कार्डों का डिजिटाइजेशन शामिल है. प्रदेश में अब तक 19.08 लाख राशन कार्डों का डिजिटाइजेशन किया जा चुका है. पूरे राज्य में उचित मूल्य की दुकानों के ऑटोमेशन के लिए सभी उचित मूल्य की दुकानों पर एंड्रॉयड आधारित डिवाइस भी स्थापित किए गए हैं.
हिमाचल में 117 गोदामों का नेटवर्क:प्रवक्ता ने कहा है कि प्रदेश सरकार पारदर्शी और तत्पर प्रशासन करने के साथ जन कल्याण की दिशा में कार्य कर रही है. लोगों को आवश्यक वस्तुएं उचित दरों पर उपलब्ध करवाना सरकार की प्राथमिकताओं में शामिल हैं. मौजूदा समय में हिमाचल प्रदेश राज्य नागरिक आपूर्ति निगम लिमिटेड के 117 थोक गोदामों का एक मजबूत नेटवर्क है और राज्य में खुदरा उचित मूल्य की दुकानों की कुल संख्या 5,078 है. इस तरह हिमाचल में लक्ष्य सार्वजनिक वितरण प्रणाली को स्थापित किया गया है. प्रदेश में मौजूदा समय में चलाई जा रही 5,078 उचित मूल्य की दुकानों में से 3,285 सहकारी क्षेत्र और 19 उचित मूल्य की दुकानें पंचायतों के माध्यम और 65 एचपीएससीएससी लिमिटेड की, 1685 उचित मूल्य की दुकानें व्यक्तिगत रूप से और 24 उचित मूल्य की दुकानें महिला मंडलों व स्वयं सहायता समूहों द्वारा संचालित की जा रही हैं.