शिमलाः हिमाचल में कांग्रेस ने लंबी-जद्दोजहद के बाद आखिरकार दो उम्मीदवारों के नामों का ऐलान कर दिया है. शिमला से पूर्व सांसद धनीराम शांडिल और मंडी से पंडित सुखराम के पोते आश्रय शर्मा को उम्मीदवार बनाया गया है. कांग्रेस ने शिमला सीट पर दो बार के सांसद और सोलन से मौजूदा विधायक धनीराम शांडिल पर दांव खेला है. शांडिल की पार्टी में अच्छी पैठ है.
चुनौतियों से कैसे पार पाएंगे कांग्रेस के 'कर्नल', ETV BHARAT से धनीराम शांडिल की खास बातचीत - धनीराम शांडिल
कांग्रेस प्रत्याशी धनीराम शांडिल ने ईटीवी से खास बातचीत में अपने चुनावी प्रचार सहित कई मसलों पर अपनी राय रखी. उन्होंने नाम के ऐलान में देरी पर कहा कि इससे कोई फर्क नहीं पड़ने वाला है. साथ ही मोदी लहर पर भी उन्होंने अपनी राय रखी.
कांग्रेस प्रत्याशी धनीराम शांडिल ने ईटीवी से खास बातचीत में अपने चुनावी प्रचार सहित कई मसलों पर अपनी राय रखी. उन्होंने नाम के ऐलान में देरी पर कहा कि इससे कोई फर्क नहीं पड़ने वाला है. साथ ही मोदी लहर पर भी उन्होंने अपनी राय रखी. टिकट की दौड़ में शांडिल के आगे कोई नहीं टिक सका. कर्नल धनीराम शांडिल जिस जाति से आते हैं उसका सोलन, कसौली, सिरमौर और शिमला में खासा जनाधार है. भाजपा ने इस बार सोलन के बजाय सिरमौर से प्रत्याशी दिया है. जातिवाद व क्षेत्रवाद की नजर से देखा जाए तो कर्नल धनी राम शांडिल को उतारकर कांग्रेस ने दोनों मोर्चों पर एक साथ गेम खेली है. बता दें कि इस संसदीय क्षेत्र में भाजपा के 10 जबकि कांग्रेस के सात विधायक हैं.