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हर-हर महादेव: 12 ज्योतिर्लिंग के नाम और स्थान, यहां महाशिवरात्रि पर दर्शन का खास महत्व

महाशिवरात्रि में शिव पूजा के लिए ज्योतिर्लिंगों में भी विशेष तैयारी की जाती है. इस दिन इन स्थानों पर मान्यता के अनुसार अलग-अलग तरीके से पूजा-अर्चना की जाती है. पुराणों के अनुसार भगवान जहां-जहा प्रगट हुए, उन स्थानों को ज्योतिर्लिंग के रूप में पूजा जाता है. भारत में 12 ज्योतिर्लिंग हैं. पूरब-पश्चिम-उत्तर और दक्षिण हर जगह बम भोले के जयकारे से गूंज उठता है.

12 shiva jyotirlinga in india
हर-हर महादेव

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Published : Feb 17, 2020, 11:11 AM IST

शिमला: महाशिवरात्रि हिन्दू धर्म के प्रमुख त्योहारों में से एक है. सोमवार का दिन भगवान भोलनाथ की आराधना का दिन माना जाता है. इसी तरह हर माह शिवरात्रि भी मनाई जाती है लेकिन फाल्गुन के महीने की शिवरात्रि को महाशिवरात्रि कहा जाता है. फाल्गुन मास के कृष्ण पक्ष की चतुर्दशी को ये पर्व मनाया जाता है. इस दिन भगवान शंकर और माता पार्वती का विवाह हुआ था. इस बार महाशिवरात्रि 21 फरवरी को मनाई जाएगी.

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महाशिवरात्रि में शिव पूजा के लिए ज्योतिर्लिंगों में भी विशेष तैयारी की जाती है. इस दिन इन स्थानों पर मान्यता के अनुसार अलग-अलग तरीके से पूजा-अर्चना की जाती है. पुराणों के अनुसार भगवान जहां-जहा प्रगट हुए, उन स्थानों को ज्योतिर्लिंग के रूप में पूजा जाता है. भारत में 12 ज्योतिर्लिंग हैं. पूरब-पश्चिम-उत्तर और दक्षिण हर जगह बम भोले के जयकारे से गूंज उठता है.

सोमनाथ ज्योतिर्लिंग

सोमनाथ ज्योतिर्लिंग को पहला ज्योतिर्लिंग माना जाता है. यह मंदिर गुजरात राज्य के सौराष्ट्र क्षेत्र में स्थित है. यह मंदिर लोगों की आस्था का बड़ा केंन्द्र है.

मल्लिकार्जुन ज्योतिर्लिंग

मल्लिकार्जुन ज्योतिर्लिंग आंध्र प्रदेश में कृष्णा नदी के तट पर श्रीशैल नाम के पर्वत पर स्थित है. इस मंदिर का महत्व भगवान शिव के कैलाश पर्वत के समान कहा गया है. अनेक धार्मिक शास्त्र इसके धार्मिक और पौराणिक महत्व की व्याख्या करते हैं.

मल्लिकार्जुन

महाकाल ज्योतिर्लिंग

महाकालेश्वर ज्योतिर्लिंग मध्य प्रदेश की धार्मिक राजधानी कही जाने वाली उज्जैन नगरी में स्थित है. यहां प्रतिदिन सुबह की जाने वाली भस्मारती विश्व भर में प्रसिद्ध है. महाकाल यानी हर संकट से बचाने वाले. महाकाल की पूजा विशेष तौर पर आयु वृद्धि और संकट को टालने के लिए की जाती है. नगर के राजा बाबा महाकाल ही माने जाते हैं.

महाकालेश्वर

ओंकारेश्वर ज्योतिर्लिंग

ओंकारेश्वर ज्योतिर्लिंग मध्य प्रदेश इंदौर शहर के पास ही स्थित है. जिस स्थान पर यह ज्योतिर्लिंग स्थित है, उस स्थान पर नर्मदा नदी बहती है.

केदारेश्वर, केदारनाथ ज्योतिर्लिंग

केदारनाथ स्थित केदारेश्वर ज्योतिर्लिंग भगवान शिव के 12 प्रमुख ज्योतिर्लिंगों में आता है. यह उत्तराखंड में स्थित है. बाबा केदारनाथ का मंदिर बद्रीनाथ के मार्ग में स्थित है. केदारनाथ का वर्णन स्कन्द पुराण एवं शिव पुराण में भी मिलता है. इस शिखर से पूर्व दिशा में अलकनन्दा नदी के किनारे भगवान श्री बद्री विशाल का मन्दिर है. जो कोई बिना केदारनाथ भगवान का दर्शन किए यदि बद्रीनाथ क्षेत्र की यात्रा करता है, तो उसकी यात्रा व्यर्थ मानी जाती है.

केदारनाथ

भीमाशंकर ज्योतिर्लिंग

भीमाशंकर ज्योतिर्लिंग महाराष्ट्र के पुणे जिले में स्थित है. भीमाशंकर ज्योतिर्लिंग को मोटेश्वर महादेव के नाम से भी जाना जाता है. यह पश्चिमी घाट के सह्याद्रि पर्वत पर स्थित है. यहीं से भीमा नदी भी निकलती है. भीमशंकर महादेव काशीपुर में भगवान शिव का प्रसिद्ध मंदिर और तीर्थ स्थान है. यहां का शिवलिंग काफी मोटा है, जिसके कारण इन्हें मोटेश्वर महादेव भी कहा जाता है. पुराणों में भी इसका वर्णन मिलता है.

भीमाशंकर

बाबा विश्वनाथ ज्योतिर्लिंग

विश्वेश्वर ज्योतिर्लिंग भारत के 12 ज्योतिर्लिंगों में से एक है. यह उत्तर प्रदेश के काशी (वाराणसी)नामक स्थान पर स्थित है. बाबा विश्वनाथ के दर्शन के लिए दूर-दूर से लोग आते हैं. काशी सभी धर्म स्थलों में सबसे अधिक महत्व रखती है इसलिए सभी धर्म स्थलों में काशी का अत्यधिक महत्व कहा गया है. कहते हैं, काशी तीनों लोकों में न्यारी नगरी है, जो भगवान शिव के त्रिशूल पर विराजती है.

त्र्यबंकेश्वर ज्योतिर्लिंग

अष्टम ज्योतिर्लिंग को ‘त्र्यम्बक’ के नाम से भी जाना जाता है. यह नासिक जिले में स्थित है. यहां से सबसे ज्यादा ब्रह्म गिरि पर्वत है, यहीं से गोदावरी नदी का उद्गम है. त्र्यंबकेश्‍वर ज्योर्तिलिंग में ब्रह्मा, विष्‍णु और महेश तीनों ही विराजित हैं, यही इस ज्योतिर्लिंग की सबसे बड़ी विशेषता है. अन्‍य सभी ज्‍योतिर्लिंगों में केवल भगवान शिव ही विराजित हैं.

वैद्यनाथ ज्योतिर्लिंग

श्री वैद्यनाथ शिवलिंग का समस्त ज्योतिर्लिंगों की गणना में नौवां स्थान बताया गया है। भगवान श्री वैद्यनाथ ज्योतिर्लिंग का मन्दिर जिस स्थान पर अवस्थित है, उसे वैद्यनाथ धाम कहा जाता है. यह झारखंड के देवघर में स्थित है.

नागेश्वर ज्योतिर्लिंग

नागेश नामक ज्योतिर्लिंग, गुजरात के बड़ौदा क्षेत्र में गोमती द्वारका के समीप है. इस स्थान को दारूकावन भी कहा जाता है.

नागेश्वर

रामेश्वर ज्योतिर्लिंग

रामेश्वरतीर्थ को ही सेतुबंध तीर्थ कहा जाता है. यह स्थान तमिलनाडु के रामनाथम जनपद में स्थित है. यहां समुद्र के किनारे भगवान रामेश्वरम का विशाल मंदिर शोभित है. यह हिंदुओं के चार धामों में से एक धाम है. इस ज्योतिर्लिंग के विषय में यह मान्यता है कि इसकी स्थापना स्वयं भगवान श्रीराम ने की थी. भगवान राम के द्वारा स्थापित होने के कारण ही इस ज्योतिर्लिंग को भगवान राम का नाम रामेश्वरम दिया गया है.

घृष्णेश्वर ज्योतिर्लिंग

घृष्णेश्वर महादेव का प्रसिद्ध मंदिर महाराष्ट्र के संभाजीनगर के दौलताबाद के पास स्थित है. इसे घृसणेश्वर या घुश्मेश्वर के नाम से भी जाना जाता है. दूर-दूर से लोग यहां दर्शन के लिए आते हैं और आत्मिक शांति प्राप्त करते हैं. भगवान शिव के 12 ज्योतिर्लिंगों में से यह अंतिम ज्योतिर्लिंग है. एलोरा की प्रसिद्ध गुफाएं इस मंदिर के पास ही स्थित हैं.

घृश्णेश्वर

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