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Himachal Floods: हिमाचल में तबाही का मंजर, 1244 जल परियोजनाएं और 1018 सड़कें बंद, कई इलाकों में छाया अंधेरा

हिमाचल प्रदेश में भारी बारिश के बाद अब सब ओर तबाही का मंजर हैं. प्रदेश में हर ओर पानी ही पानी है, लेकिन लोग पीने के पानी के लिए तरस रहे हैं. प्रदेश की लाइफ लाइन सड़कें टूट गई हैं. कई पुल बाढ़ में बह गए हैं. बिजली आपूर्ति की लाइनें भी बुरी तरह से क्षतिग्रस्त हुई हैं. वहीं, कई लोगों ने इस कहर में जान भी गंवाई है. (Himachal Floods) (Heavy Rain in Himachal)

Destruction due to Heavy Rain in Himachal.
हिमाचल प्रदेश में बारिश के बाद पेयजल परियोजनाएं हुई बर्बाद.

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Published : Jul 13, 2023, 1:17 PM IST

शिमला: हिमाचल प्रदेश में भारी बारिश के बाद जनजीवन अस्त व्यस्त पड़ा है. प्रदेश की लाइफ लाइन सड़कें बह गई हैं, पुल बाढ़ की भेंट चढ़ गए हैं और बड़ी संख्या में पानी की परियोजनाएं भी बर्बाद हो गई हैं. सरकारी मशीनरी जनजीवन को सामान्य बनाने में जुटी हुई है, लेकिन तबाही के बाद इनकी बहाली में काफी समय लग रहा है. जानकारी के अनुसार प्रदेश में अभी भी पानी की 1244 परियोजनाएं ठप पड़ी हुई हैं, जबकि 1018 सड़कें अवरुद्ध हैं. प्रदेश में कई इलाकों में बिजली की सप्लाई भी बाधित है.

प्रदेश में 1018 सड़कें बंद: हिमाचल प्रदेश में भारी बारिश के कारण बड़े स्तर पर लैंडस्लाइड की घटनाएं सामने आई हैं. जिसस प्रदेश में बड़ी संख्या में सड़कें बंद हो गई हैं. इनमें कुछ नेशनल हाईवे भी शामिल हैं. प्राप्त जानकारी के अनुसार मंडी से कुल्लू 873 नेशनल हाईवे-21, लाहौल स्पीति में ग्राम्फू से लोकार नेशनल हाईवे-505 बंद हैं. जिन्हें बहाल करने की कोशिश जारी है. इसी तरह कुल्लू से मनाली नेशनल हाईवे-3 और औट से जलोड़ी नेशनल हाईवे-305 भी बंद है. सिरमौर में शिलाई के समीप नेशनल हाईवे-707 और तांदी से काधूनाला स्टेट हाईवे अभी बंद पड़ा हुआ है. बताया जा रहा है कि प्रदेश में करीब 1018 सड़कें अभी भी बंद पड़ी हुई हैं.

बारिश से बिगड़े शिमला के हालात: मिली जानकारी के अनुसार शिमला जिले में रोहड़ू-चिड़गांव रोड भी हल्के वाहनों के लिए ही खुला है, जबकि खड़ापत्थर-टिक्कर रोड गंगानगर के बाद बंद पड़ा हुआ है. छैला-सैंज-नेरीपुल रोड पराला के पास क्षतिग्रस्त होने से इस पर वन वे ट्रैफिक चलाया जा रहा है. चौपाल से नेरवा सड़क भी हल्के वाहनों के लिए ही खुल पाई है, जबकि नेरवा से कुपवी रोड कुछ जगह लैंडस्लाइड होने से पूरी तरह से बंद पड़ा हुआ है. सड़कें बंद होने से इन लोगों की जिंदगी भी थम सी गई है.

प्रदेश में 1244 जल परियोजनाएं ठप: हिमाचल प्रदेश में भारी बारिश से जल शक्ति विभाग की पानी की परियोजनाएं बुरी तरह से प्रभावित हुई हैं. भारी बारिश के बाद पानी की परियोजनाओं में गाद जमा हो गई है, जिसे जलशक्ति विभाग के कर्मचारियों द्वारा साफ किया जा रहा है. बताया जा रहा है कि जल शक्ति विभाग पेयजल परियोजनाओं को प्राथमिकता से बहाल करने में जुटा हुआ है, लेकिन अभी भी 1244 परियोजनाएं बंद हैं. जल परियोजनाओं में भरी गाद से विभाग को इन्हें बहाल करने में समस्या आ रही है.

हिमाचल में बिजली लाइनें हुई बर्बाद: इसी तरह प्रदेश में जगह-जगह बिजली की लाइनें क्षतिग्रस्त हुई हैं, जिससे इन इलाकों में बिजली की आपूर्ति बुरी तरह से प्रभावित हुई है. जानकारी के मुताबिक प्रदेश में करीब 2500 ट्रांसफार्मर बंद हैं. इससे ग्रामीण इलाकों में सबसे ज्यादा दिक्कतें आ रही है. कई जगह बिजली न होने से भी पानी की सप्लाई भी नहीं हो पा रही.

मानसून में 88 लोगों की मौत: भारी बारिश से प्रदेश में बड़ी संख्या में जानी नुकसान भी हुआ है. जानकारी के मुताबिक बीते 3 दिनों में ही करीब 2 दर्जन से ज्यादा लोगों ने जान गंवाई है. इसके साथ ही हिमाचल में बारिश के कहर के बाद से अब तक 88 लोगों की मौत हो चुकी है. भारी बारिश के बाद भूस्खलन और बाढ़ से प्रदेश के कई हिस्सों में रियाहशी आवास, दुकानों और गौशालाओं को भी क्षति पहुंची है. प्रदेश में बरसात शुरू होने से अब तक 764 मकान और 426 गौशालाएं भी ढह गई हैं. करीब 492 पशुओं की जानें भी बरसात में हुई हैं.

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