शिमला: हिमाचल प्रदेश में भारी बारिश के बाद जनजीवन अस्त व्यस्त पड़ा है. प्रदेश की लाइफ लाइन सड़कें बह गई हैं, पुल बाढ़ की भेंट चढ़ गए हैं और बड़ी संख्या में पानी की परियोजनाएं भी बर्बाद हो गई हैं. सरकारी मशीनरी जनजीवन को सामान्य बनाने में जुटी हुई है, लेकिन तबाही के बाद इनकी बहाली में काफी समय लग रहा है. जानकारी के अनुसार प्रदेश में अभी भी पानी की 1244 परियोजनाएं ठप पड़ी हुई हैं, जबकि 1018 सड़कें अवरुद्ध हैं. प्रदेश में कई इलाकों में बिजली की सप्लाई भी बाधित है.
प्रदेश में 1018 सड़कें बंद: हिमाचल प्रदेश में भारी बारिश के कारण बड़े स्तर पर लैंडस्लाइड की घटनाएं सामने आई हैं. जिसस प्रदेश में बड़ी संख्या में सड़कें बंद हो गई हैं. इनमें कुछ नेशनल हाईवे भी शामिल हैं. प्राप्त जानकारी के अनुसार मंडी से कुल्लू 873 नेशनल हाईवे-21, लाहौल स्पीति में ग्राम्फू से लोकार नेशनल हाईवे-505 बंद हैं. जिन्हें बहाल करने की कोशिश जारी है. इसी तरह कुल्लू से मनाली नेशनल हाईवे-3 और औट से जलोड़ी नेशनल हाईवे-305 भी बंद है. सिरमौर में शिलाई के समीप नेशनल हाईवे-707 और तांदी से काधूनाला स्टेट हाईवे अभी बंद पड़ा हुआ है. बताया जा रहा है कि प्रदेश में करीब 1018 सड़कें अभी भी बंद पड़ी हुई हैं.
बारिश से बिगड़े शिमला के हालात: मिली जानकारी के अनुसार शिमला जिले में रोहड़ू-चिड़गांव रोड भी हल्के वाहनों के लिए ही खुला है, जबकि खड़ापत्थर-टिक्कर रोड गंगानगर के बाद बंद पड़ा हुआ है. छैला-सैंज-नेरीपुल रोड पराला के पास क्षतिग्रस्त होने से इस पर वन वे ट्रैफिक चलाया जा रहा है. चौपाल से नेरवा सड़क भी हल्के वाहनों के लिए ही खुल पाई है, जबकि नेरवा से कुपवी रोड कुछ जगह लैंडस्लाइड होने से पूरी तरह से बंद पड़ा हुआ है. सड़कें बंद होने से इन लोगों की जिंदगी भी थम सी गई है.