शिमला: डिप्टी सीएम मुकेश अग्निहोत्री ने कहा कि हिमाचल की मौजूदा वित्तीय हालात के लिए पर्व भाजपा सरकार पूरी तरह से जिम्मेदार है. शिमला में पत्रकारों से बातचीत करते हुए मुकेश अग्निहोत्री ने कहा कि जयराम सरकार केंद्र सरकार के समक्ष अपना पक्ष नहीं रख पाई जिसकी वजह से 15वें वित्त आयोग से बहुत कम वित्तीय राशि मिली है. डिप्टी सीएम मुकेश अग्निहोत्री ने कहा कि 15वें वित्त आयोग में प्रदेश जयराम ठाकुर सरकार अपना पक्ष सही ढंग से नहीं रख पाई, जिस वजह से केवल 8 फीसदी ही बढ़ोतरी हुई, जबकि 14वें वित्त आयोग के सामने कांग्रेस सरकार ने प्रभावशील तरीके से पक्ष रखा था. यही वजह है कि 13वें वित्त आयोग की तुलना में 14वें वित्त आयोग की बढ़ोतरी 232 फीसदी थी. उन्होंने कहा कि इस बात से अंदाजा लगाया जा सकता है कि जयराम सरकार वित्तीय मोर्चे पर पूरी तरह से विफल साबित हुई.
डिप्टी सीएम मुकेश अग्निहोत्री ने कहा कि जयराम ठाकुर अब यह साबित करने की कोशिश कर रहे हैं कि वे बेकसूर है और उन्होंने कुछ गलत नहीं किया. उन्होंने कहा कि अगर गलत न किया होता तो जो सवाल हम पूछ रहे हैं, उसका जबाब देते, जो वे नहीं दे रहे हैं. उन्होंने कहा कि जुलाई 2022 में जीएसटी क्षतिपूर्ति समाप्त होने के बाद सरकार की जीएसटी से राजस्व 2624 करोड़ कम हो गया. यह केंद्र ने करना था जो कि कम हुआ. इसके लिए जिम्मेदार कौन है. उन्होंने कहा कि 2023-24 में रेवेन्यू डेफिसिट ग्रांट 2022-23 की तुलना में 1319 करोड़ कम गई है और 2024-25 में यह घटकर 6268 करोड़ हो जाएगी. इसके बाद 2025-26 में यह 3257 करोड़ रहेगी. उन्होंने कहा कि रेवेन्यू डेफिसिट ग्रांट 11 हजार करोड़ से चली थी और इनके वित्तीय कुप्रबंधन से 3257 तक पहुंच जाएगी.