शिमला: बेरोजगार कला अध्यापकों ने मुख्यमंत्री से ड्राइंग मास्टर का कैडर जिला बनाने के साथ ही उनकी सीनियोरिटी बैचवाइज निर्धारित करने की मांग की है. बेरोजगार कला अध्यापकों का कहना है कि पिछली सरकार ने ड्राइंग मास्टर का स्टेट कैडर बनाया है, लेकिन बैचवाइज भर्तियां हर जिले में अलग-अलग करवाई जा रही हैं. हिमाचल प्रदेश बेरोजगार कला अध्यापक राज्य संघ के अध्यक्ष नरेश ठाकुर और सचिव जगदीश कुमार ने कहा है कि पिछली सरकार ने ड्राइंग मास्टर यानी कला अध्यापकों का स्टेड कैडर बना दिया है. लेकिन उनकी बैचवाइच भर्तियां सभी जिलों में अलग-अलग करवाई जा रही हैं. इससे बेरोजगार कला अध्यापकों को दिक्कतें आ रही हैं. जिन जिलों में प्रशिक्षित बेरोजगार कला अध्यापकों की संख्या ज्यादा है, वहां पर दूसरे जिलों के बेरोजगार अध्यापकों को नियुक्तियां हो रही हैं. उन्होंने कहा कि पूर्व सरकार ने ड्राइंग मास्टर का स्टेट कैडर कर दिया था, जिसे सरकार जिला कैडर घोषित करे.
सीनियोरिटी बैचवाइज निर्धारित करने की गुहार लगाई: हिमाचल प्रदेश कला बेरोजगार अध्यापक संघ ने सरकार से उनकी सीनियोरिटी बैचवाइच निर्धारित करने की भी गुहार लगाई है. संघ के सचिव जगदीश ठाकुर ने कहा है कि डिप्लोमा होल्डर बेरोजगार कला अध्यापकों के लिए डिप्लोमा की मार्कशीट जारी होने की डेट को सीनियोरिटी का आधार माना जा रहा है, जबकि अन्य किसी भी भर्ती में ऐसा नहीं होता. यह फैसला तर्कसंगत नहीं है क्योंकि कई बार प्रशिक्षण पूरा करने के काफी अरसे बाद डिप्लोमा या मार्कशीट जारी होती है. अगर मार्कशीट जारी होने की डेट सीनियोरिटी का आधार रखी जाती है तो इससे बाद में डिप्लोमा ले रहे प्रशिक्षित अध्यापक सीनियोरिटी में काफी पीछे चला जाता है. ऐसे में इस फैसले को विभाग वापस ले.