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जिला परिषद की बैठक में गूंजा बागवानों का मुद्दा, सरकार से नुकसान का आकलन कर मुआवजे देने की मांग

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Published : Apr 28, 2021, 3:49 PM IST

बर्फबारी और ओलावृष्टि से शिमला के बागवानों को काफी नुकसान उठाना पड़ा है. बर्फबारी से पेड़ की फसल बर्बाद हो गई है. इस मुद्दे को शिमला जिला परिषद की बैठक में प्रमुखता से उठाया गया. सरकार से नुकसान का आकलन कर मुआवजे की मांग उठाई गई.

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शिमला: बीते दिनों हुई ओलावृष्टि और बर्फबारी से बागवानी को काफी नुकसान हुआ है. शिमला जिला परिषद की बैठक में नुकसान का आकलन कर बागवानों को जल्द राहत देने का मुद्दा जिला परिषद के सदस्यों ने उठाया.

सरकार को भेजा नुकसान के आकलन का प्रस्ताव

बैठक में प्रस्ताव पारित कर सरकार को भेजा गया. प्रस्ताव में सरकार से अधिकारियों को फील्ड में भेज कर नुकसान का आकलन करने की मांग की गई. साथ ही बागवानों के केसीसी लोन माफ करने और प्रभावित बागवानों को मुफ्त में दवाई स्प्रे देने का आग्रह भी सरकार से किया गया. जिला परिषद उपाध्यक्ष सुरेंद्र रेटका ने कहा कि ओलावृष्टि और बेमौसमी बर्फबारी ने बागवानों की कमर तोड़ कर रख दी है. बर्फबारी से जहां ऊपरी क्षेत्रों में सेब की फसल पूरी तरह से तबाह हो गए हैं.

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बर्फबारी से हुआ 200-300 करोड़ का नुकसान

ओलावृष्टि से सेब के पेड़ों को काफी नुकसान पहुंचा है. पेड़ों पर लगाए गए नेट टूट गए हैं और साथ ही पेड़ों की टहनियां भी टूट गई हैं. इससे करोड़ों का नुकसान हुआ है. उन्होंने कहा कि इतना नुकसान होने के बावजूद भी न तो मुख्यमंत्री और न ही कोई मंत्री बागवानों की सुध लेने पहुंच रहा है. सरकार ने 80 करोड़ के नुकसान की बात कही है लेकिन वास्तव में 200-300 करोड़ का नुकसान बर्फबारी और ओलावृष्टि से हुआ है.

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