शिमला:हिमाचल प्रदेश की आशा वर्करों ने सरकार से न्यूनतम मानदेय निर्धारित करने के साथ ही उनके लिए कोई नीति बनाने की मांग की है. इस बारे में हिमाचल प्रदेश आशा वर्कर्स यूनियन के एक प्रतिनिधिमंडल ने अध्यक्ष सत्या रांटा के नेतृत्व में मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू से मुलाकात की. आशा वर्करों ने मुख्यमंत्री को अवगत करवाया कि वे प्रदेश के दूरदराज क्षेत्रों में बेहतर स्वास्थ्य सुविधाएं उपलब्ध करवाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभा रही हैं, लेकिन इसकी एवज में उनको मानदेय नाम मात्र का दिया जा रहा है.
आशा वर्करों ने सीएम सुक्खू से की ये मांग:आशा वर्करों ने सीएम सुखविंदर सिंह सुक्खू के सामने न्यूनतम मानदेय निर्धारित करने और उनके लिए नीति बनाने की मांग रखी. उनका कहना था कि ग्रामीण क्षेत्रों में कोविड महामारी के दौरान उन्होंने बहुमूल्य सेवाएं दी हैं, ऐसे में सरकार उनकी जायज मांगों पर गौर करे. मुख्यमंत्री ने भी आशा कार्यकर्त्ताओं द्वारा विभिन्न कार्यक्रमों और स्वास्थ्य विभाग की योजनाओं को जमीनी स्तर पर सफलतापूर्वक कार्यान्वित करने के प्रयासों की सराहना की. मुख्यमंत्री ने आशा वर्करों की उचित मांगों पर सहानुभूतिपूर्वक विचार करने का आश्वासन दिया. इस अवसर पर मुख्य संसदीय सचिव संजय अवस्थी और विधायक विनोद सुल्तानपुरी उपस्थित रहे.