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हिमाचल शैक्षणिक संस्थानों को खोलने पर जुलाई में किया जाएगा विचार: शिक्षा मंत्री - bad impact of lockdown on education

हिमाचल में शैक्षणिक संस्थानों पर अभी कोई फैसला नहीं हो पाया है. शिक्षा मंत्री सुरेश भारद्वाज का कहना है कि प्रदेश सरकार बच्चों की जिंदगी के साथ कोई भी जोखिम नहीं लेना चाहती है. उन्होंने कहा कि शैक्षणिक संस्थान खोलने पर जुलाई महीने में विचार किया जाएगा.

Decision to open educational institutions
शिक्षा मंत्री सुरेश भारद्वाज

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Published : Jun 10, 2020, 4:47 PM IST

Updated : Jun 11, 2020, 9:56 AM IST

शिमला: कोरोना वायरस का सबसे ज्यादा प्रभाव शैक्षणिक संस्थानों पर भी पढ़ा है. शिक्षा मंत्री सुरेश भारद्वाज ने कहा कि प्रदेश सरकार बच्चों की जिंदगी के साथ कोई भी जोखिम नहीं लेना चाहती है. हिमाचल प्रदेश में शैक्षणिक संस्थान कब खुलेंगे इस पर जुलाई महीने में विचार किया जाएगा.

शिक्षा मंत्री सुरेश भारद्वाज का कहना है कि जब तक परिस्थितियां कंट्रोल में नहीं आती हैं तब तक शैक्षणिक संस्थान नहीं खोले जाएंगे. उन्होंने कहा कि कोरोना संकट की वजह से शैक्षणिक सत्र बुरी तरह से प्रभावित हुआ है. प्रदेश सरकार के लिए महत्व की बात यह है कि शिक्षण संस्थानों को कब शुरू किया जाए. जैसे ही शिक्षण संस्थान शुरू होंगे उसके बाद यह तय होगा कि शैक्षणिक सत्र को किस प्रकार आगे बढ़ाना है.

वीडियो रिपोर्ट.

शिक्षा मंत्री ने कहा कि पहली से 9वीं क्लास तक छात्रों को प्रमोशन दे दी गई है. दसवीं कक्षा का परीक्षा परिणाम भी प्रदेश सरकार ने घोषित कर दिया है. सुरेश भारद्वाज ने कहा कि 12वीं कक्षा के बचे हुए जियोग्राफी के पेपर को भी प्रदेश सरकार ने 8 जून को करवा लिया है और उम्मीद लगाई जा रही है कि 12वीं का परीक्षा परिणाम भी जुलाई महीने तक आ जाएगा.

कैसे पूरा होगा शैक्षणिक सत्र 2020-21?

प्रदेश सरकार के सामने स्कूलों और कॉलेजों में 2020-21 के शैक्षणिक सत्र को पूरा करवाना बड़ी चुनौती बनता जा रहा है. बता दें कि प्रदेश में अगर पहली कक्षा से लेकर बाहरवीं कक्षा की बात करें तो हर साल यह सत्र मार्च से शुरू हो जाता था, लेकिन इस साल कोरोना वायरस ने सत्र को शुरू होने से पहले ही रोक दिया. 25 मार्च से देशभर में लगे लॉकडाउन से सभी शैक्षणिक संस्थान बंद हो गए. ऐसे में जितने अधिक समय तक स्कूल और कॉलेज बंद रहेंगे उसका सीधा असर बच्चों की पढ़ाई पर भी पड़ेगा.

इस समस्या को लेकर शिक्षा मंत्री का कहना है कि शैक्षणिक सत्र को किस तरह आगे बढ़ाना है और बचे हुए सिलेबस को पूरा करने के लिए सरकार विचार कर रही है. वहीं, सिलेबस को पूरा करवाने के लिए छुट्टियों को काटने पर भी विचार किया जा सकता है.

अगर निर्धारित समय पर नहीं खुलेंगें शैक्षणिक संस्थान?

सुरेश भारद्वाज का कहना है कि जब तक परिस्थितियां सामान्य नहीं हो जाती तब तक वह सिलेबस या अन्य चीजों के ऊपर विचार नहीं कर सकते. शिक्षा मंत्री ने कहा कि लॉकडाउन का दौर कितना लंबा चलता है, उसके बाद ही शैक्षणिक सत्र पर फोकस किया जा सकता है.

ऐसे में बड़ा सवाल यह है कि अगर स्कूल समय पर शुरू नहीं हुए तो बच्चों के भविष्य का क्या होगा. सबसे बड़ा सवाल तो यह भी है कि कम समय के भीतर पूरे सिलेबस को पूरा किस तरह किया जाएगा. वहीं, लॉकडाउन खुलने के बाद शैक्षणिक संस्थानों को लेकर प्रदेश सरकार की क्या रणनीति रहेगी. फिलहाल मौजूदा हालातों को देखते हुए कोई भी स्थिति स्पष्ट नहीं है.

इस पूरे मामले को लेकर शिक्षा मंत्री का कहना है कि कोरोना वायरस के खौफ से जनता में भय का माहौल है. ऐसे में शिक्षण संस्थान खोलने का सवाल ही पैदा नहीं होता. कोरोना के कारण लगातार परिस्थितियां बदल रही हैं और ऐसे हालातों में कुछ भी कह पाना फिलहाल जल्दबाजी होगी.

कितनी कारगर होगी ऑनलाइन क्लास?

सरकार ने बच्चों की पढ़ाई की फिक्र करते हुए ऑनलाइन कक्षाएं शुरू की हैं. दूरदर्शन और निजी स्कूलों में मोबाइल एप के जरिए बच्चों के सिलेबस को पूरा करने की कोशिश की जा रही है, लेकिन परीक्षाओं के वक्त ही इस बात का पता चल पाएगा कि ऑनलाइन कक्षाओं से बच्चों को कितना फायदा हुआ है.

Last Updated : Jun 11, 2020, 9:56 AM IST

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