शिमला: कर्ज के जाल में बुरी तरह से फंसे हिमाचल की आर्थिक गाड़ी पटरी पर आती नहीं दिखाई दे रही है. सुखविंदर सिंह सुक्खू के नेतृत्व वाली कांग्रेस सरकार एक बार फिर से लोन लेने की तैयारी में है. राज्य सरकार दिवाली के ठीक एक दिन बाद 800 करोड़ रुपए के कर्ज के लिए आवेदन करेगी. चूंकि सीएम सुखविंदर सिंह सुक्खू दिल्ली में स्वास्थ्य लाभ ले रहे हैं, लिहाजा उनके वापिस लौटने पर ही सरकार के आगामी फैसले होंगे.
12 फीसदी डीए बकाया:पहले कर्मचारियों को आस थी कि दिवाली को डीए की कोई किस्त मिल सकती है. इस समय कुल 12 फीसदी डीए बकाया है. फिलहाल, ये आस पूरी होती नहीं दिखाई दे रही है. कारण ये है कि राज्य सरकार ने 13 नवंबर को कर्ज के लिए आवेदन करने का फैसला लिया है. सुखविंदर सिंह सरकार 800 करोड़ रुपए का लोन लेने वाली है. इसके लिए 13 नवंबर सोमवार को आवेदन प्रस्तावित है. उम्मीद है कि बुधवार 15 नवंबर तक राज्य सरकार के खजाने में कर्ज की रकम आ जाएगी. उसके बाद ही फैसला होगा कि कर्मचारियों व पेंशनर्स को डीए की अदायगी किस रूप में करनी है. अभी राज्य सरकार पर डीए व एरियर की 12 हजार करोड़ रुपए के करीब देनदारियां हैं.
हर व्यक्ति पर 1 लाख से ज्यादा कर्ज: सुखविंदर सरकार ने इससे पहले अक्टूबर महीने में 1000 करोड़ रुपए का लोन लिया था. इस तरह दो महीने में 1800 करोड़ रुपए कर्ज और सिर पर चढ़ जाएगा. अब राज्य सरकार पर कर्ज का बोझ 78,430 करोड़ रुपए का हो जाएगा. सितंबर महीने में सरकार ने कोई लोन नहीं लिया, लेकिन इसी साल अगस्त माह में 500 करोड़ रुपए का कर्ज लिया गया था. चिंता की बात है कि राज्य में हर व्यक्ति पर कर्ज एक लाख रुपए से अधिक हो गया है. यदि इसी रफ्तार से कर्ज लिया जाता रहा तो अगले साल हिमाचल पर कर्ज का बोझ एक लाख करोड़ रुपए को पार कर जाएगा.