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बारिश व ओलावृष्टि से फसलों को भारी नुकसान, किसानों ने सरकार से लगाई मुआवजे की गुहार

बीती रात हुई बारिश व ओलावृष्टि से किसानों को भारी नुकसान हुआ है. किसानों की खड़ी फसलें पूरी तरह से तबाह हो गई. ओलावृष्टि से विकास खण्ड मशोबरा के गुम्मा, कायली, सनाणा, हवालडी, धरती कण्डा, मूलकोटी, दुधली में किसानों की सारी फसलें तबाह हो गई. विकास खण्ड मशोबरा के प्रभावित क्षेत्र के किसानों की सरकार से गुहार है कि उनके नुकसान का आंकलन किया जाए और यथा संभव मुआवजा दिया जाए.

sml
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Published : May 8, 2021, 7:19 PM IST

Updated : May 8, 2021, 7:32 PM IST

शिमलाः बीते दिनों से हो रही बेमौसम बारिश व ओलावृष्टि से राजधानी शिमला के लोगों को परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है. बीती रात हुई बारिश व ओलावृष्टि से किसानों को भारी नुकसान हुआ है. किसानों की खड़ी फसलें पूरी तरह से तबाह हो गई. बारिश व ओलावृष्टि से फसलें तबाह होने से किसान 2 वक्त की रोटी के मोहताज हो गए हैं.

इन जगहों पर फसलें तबाह

ओलावृष्टि से विकास खण्ड मशोबरा के गुम्मा, कायली, सनाणा, हवालडी, धरती कण्डा, मूलकोटी, दुधली में किसानों की सारी फसलें तबाह हो गई. किसान पहले से ही महंगाई और फसलों के उचित दाम न मिलने से चिंतित है और ऊपर से यह कहर किसानों की कमर तोड़ चुका है. हालात ऐसे बन चुके है कि किसान 2 वक्त की रोटी का मोहताज होता जा रहा है.

विकास खण्ड मशोबरा के प्रभावित क्षेत्र के किसानों की सरकार से गुहार है कि उनके नुकसान का आंकलन किया जाए और यथा संभव मुआवजा दिया जाए. इससे किसानों को कुछ राहत होगी और कोविड के इस संकट में अपने परिवार का भरण पोषण कर पाएंगे.

फसलों के लिए बारिश व ओलावृष्टि काफी खतरनाक

गौर रहे कि बीते एक सप्ताह से शिमला जिला में बारिश व ओलावृष्टि ने किसानों व बागवानों की कमर तोड़कर रख दी है. ऊपरी शिमला की बात करें तो यहां पर भी मटर, गोभी, चैरी आदि की फसलें तैयार हैं. इन फसलों के लिए बारिश व ओलावृष्टि काफी खतरनाक है. ओलावृष्टि से फसलों को बाजार में बेचना मुश्किल हो रहा है. मंडियों में बजरी वाली सब्जी व चेरी की फसल के दाम में 15 से 20 रुपये का फर्क पड़ रहा है. जहां पहले गोबी 15 से 25 रुपये में बिक रही थी अब 5 से 7 रुपये में बिक रही हैं. वहीं, मटर पहले 40 से 50 बिक रही थी अब 20 से 25 रुपये में बिक रही हैं.

ये फसलें हुई तबाह

ओलावृष्टि के कारण विकास खण्ड मशोबरा के कई गांव में गोभी, मटर, फ्रासबीन, आलू, टमाटर, प्याज और लहुसन आदि की फसल पूरी तरह से तबाह हो गई. ओलावृष्टि होने के कारण लोगों की कुछ तैयार हुई फसल भी बर्बाद हो गई. वहीं, दाडू, आडू, खुमानी, पलम, सेब आदि की फसल को भी नुकसान हुआ है. ओलावृष्टि के कारण सेब की फसल झड़ गई है. ऐसे में किसान बागवान अपने परिवार का भरण पोषण कैसे कर पाएंगे.

सरकार से किसानों को मुआवजा देने की मांग

जिला परिषद शिमला के वार्ड नं 22 चमयाणा के किसानों और बागवानों को बारिश व ओलावृष्टि से बहुत नुकसान हुआ है. चमयाणा वार्ड की मशोबरा, ढली, कुफरी, तारापुर, मुलकोटी, गुम्मा, सतलाई, कोटी आदि अनेक पंचायत में मटर, गोभी, सेब, पलम आदि की फसल तबाह हुई है.

ऐसी विकट परिस्थितियों मे वार्ड नं 22 चमयाणा से जिला परिषद सदस्य लता वर्मा ने सरकार से किसानों को मुआवजा देने की मांग की है, क्योंकि फसल बर्बाद होने से किसानों को बहुत परेशानियों का सामना करना पडे़गा, तो सरकार उचित मुआवजा प्रदान करें.

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Last Updated : May 8, 2021, 7:32 PM IST

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