शिमला: नगर निगम चुनाव में मतदान से पूर्व कांग्रेस सरकार ने कर्मचारियों के रूप में सबसे प्रभावी और बड़े वोट बैंक के लिए तीन फीसदी डीए की किश्त जारी कर दी. अब प्रदेश के कर्मचारियों का डीए 31 फीसदी से बढ़कर 34 फीसदी हो गया है. डीए बढ़ने से प्रदेश सरकार पर सालाना चार सौ करोड़ रुपए से अधिक का बोझ पड़ेगा. सरकार की तरफ से महंगाई भत्ता और पेंशनर्स को महंगाई रिलीफ जारी होने से अब मई महीने में कर्मचारियों को डीए का इंतजार है. जिन कर्मचारियों का औपचारिक बिल ट्रेजरी से कंप्लीट हैं, उन्हें मई महीने में अप्रैल की सैलरी में डीए का भुगतान हो जाएगा. बाकी बचे कर्मचारियों को एक महीने का और इंतजार करना होगा.
वहीं, बढ़े हुए डीए का एरियर कर्मचारियों के जनरल प्रॉविडेंट फंड अकाउंट यानी जीपीएफ अकाउंट में ट्रांजेक्ट होगा. डीए का लाभ जनवरी 2022 से मिलना है. इस तरह कर्मचारियों को जनवरी 2022 से 31 मार्च 2023 तक का डीए का एरियर मिलना है. ये वित्तीय लाभ कर्मचारियों के जीपीएफ अकाउंट में क्रेडिट होगा. वहीं, जो कर्मचारी एनपीएस में हैं (अभी ओपीएस की एसओपी जारी होनी है), जब उनके जीपीएफ अकाउंट खुल जाएंगे तो ये रकम उस खाते में आएगी. डीए यानी महंगाई भत्ते का ये लाभ एचपी सिविल सर्विसेज (रिवाइज्ड पे) के तहत आने वाले अफसरों, कर्मियों, ऑल इंडिया सर्विस, ज्यूडिशियल सर्विस और यूजीसी पे स्केल वाले कर्मचारियों को मिलेगा.
मई माह में मिलने वाले अप्रैल महीने के देय वेतनमान के साथ डीए की किश्त का लाभ दिया जाएगा. डीए और एरियर से जुड़ी अधिसूचना के अनुसार मई में मिलने वाली अप्रैल की सैलरी से महंगाई भत्ता कैश में मिल जाएगा. यानी कर्मचारियों के सेलेरी अकाउंट में तीन फीसदी महंगाई भत्ता वेतन के साथ जुड़कर आएगा और बाकी एरियर जीपीएफ खाते में जाएगा. अब सवाल पैदा होता है कि जो कर्मचारी रिटायर हो गए हैं अथवा जिनका जीपीएफ अकाउंट बंद हो गया है, उन्हें कैसे भुगतान होगा. अधिसूचना के अनुसार उन्हें भी कैश में भुगतान किया जाएगा.