ठियोग/शिमला: हिमाचल प्रदेश में एक ओर जहां लोग कोरोना बीमारी से परेशान हैं. वहीं, दूसरी तरफ मौसम की बेरुखी भी बागवानों को रुला रही है. प्रदेश में मौसम पिछले दो दिनों से खराब बना हुआ है. मौसम के इस मिजाज से बागवानों की परेशानी भी बड़ी है.
हालांकि इस बारिश से कई फसलों को फायदा हुआ है, तो कई नगदी फसलों पर इस मौसम का कहर भी टूटा है. ऊपरी शिमला के कई इलाकों में ओलावृष्टि ने सेब बागवानों की कमर तोड़ दी है. ठियोग के छैला, सैंज में करीब 20 मिनट तक हुई ओलावृष्टि ने बागवानों को भारी नुकसान पुहंचा है.
हालांकि लोगों ने अपनी फसलों को बचाने के लिए नेट भी लगाया हुआ है, लेकिन भारी तूफान पर ओलावृष्टि का कहर इस कदर आया कि उसके सामने सब फीका पड़ गया. ओलावृष्टि से नेट के ऊपर मोटी परत जम गई और नेट के साथ सेब के पौधों को बहुत ज्यादा नुकसान हुआ.
बगीचों में बागवान भारी बारिश के दौरान भी काम करते हुए नजर आए और ओलावृष्टि को हटाते हुए दिखे. वहीं, लगातार हो रही इस बारिश से तैयार चैरी की फसल को भी नुकसान हो सकता है. बागवानों का कहना है बारिश से चैरी पर ज्यादा बारिश आने से ये खराब हो जाती है. जिससे इसका ऊपरी हिस्सा फट जाता है और चैरी गिरकर खराब हो जाती है. जिससे उन्हें नुकसान उठाना पड़ेगा.
मौसम में आए इस बदलाव ने जहां किसानों को राहत दी है वहीं, ओलावृष्टि और तूफान ने कई बागवानों की परेशानी बढ़ा दी है. मौसम विभाग के अनुसार आने वाले चार जून तक मौसम खराब बना रहेगा. जिससे कई स्थानों पर भारी बारिश और तूफान के साथ ओलावृष्टि के भी चेतावनी जारी की गई है. ऐसे में बागवानों को सेब और तैयार हुई चैरी की फसल की चिंता सत्ता रही है.
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