रामपुर/शिमला: प्रदेश के अधिकतर क्षेत्रों में हो रही बारिश का सिलसिला न थमने से किसानों और बागवानों की चिंता बढ़ गई है. शिमला के अप्रत्याशित मौसम की वजह से सेब के बागानों में फसल बर्बादी हो रही है. कोरोना कहर की मार झेल रहे किसानों और बागवानों के लिए इस समय मौसम का साथ बेहद जरूरी है, लेकिन प्रदेश में हो रही लगातार बारिश से किसानों और बागवानों को दो तरफा मार झेलनी पड़ रही है.
किसानों-बागवानों पर दो तरफा मार, कोरोना और मौसम की मार से हो रही फसल बर्बादी - गेहूं की फसल तैयार
बीते शनिवार को शाम होते ही रामपुर व आसपास के क्षेत्रों में अचानक मौसम खराब हो गया. शाम पांच बजे के करीब क्षेत्र में झमाझम बारिश शुरू हो गई. प्रदेश के अधिकतर हिस्सों में लगातार हो रही इस बारिश और ओलावृष्टि ने किसानों और बागवानों की चिंता बढ़ा दी है.
बीते शनिवार को शाम होते ही रामपुर व आसपास के क्षेत्रों में अचानक मौसम खराब हो गया और शाम पांच बजे के करीब बारिश शुरू हो गई. बारिश के चलते क्षेत्र के तापमान में भी गिरावट देखने को मिली. लगातार हो रही बारिश से क्षेत्र के लोगों को ठंड से भी निजात नहीं मिल पा रही है. वहीं, खेतों में गेहूं की फसल तैयार है और ऐसे में बारिश होने से किसानों की परेशानी बढ़ती जा रही है.
बागवानों का कहना है कि आए दिन लगातार हो रही बारिश के चलते ठंड बढ़ने से सेब की फसल को भारी नुकसान हो रहा है. सेब के बगीचों में फ्लॉवरिंग का दौर चल रहा है, लेकिन बार-बार बारिश व ओलावृषटि से सेब की आगामी फसल पर बुरा असर पड़ेगा. वहीं, ओलावृष्टि की वजह से गुठलीदार फलों को भी भारी नुकसान हुआ है.