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हिमाचल में जीरो एनरोलमेंट वाले 228 प्राइमरी व 56 मिडल स्कूल बंद, स्कूल फंक्शनल करने के मापदंड तय - सुखविंदर सिंह सरकार

हिमाचल की सुखविंदर सिंह सरकार ने फैसला लिया है कि जीरो एनरोलमेंट वाले स्कूल बंद किए जाएंगे. शिक्षा मंत्री रोहित ठाकुर ने शिमला में इस बारे में जानकारी दी है. पढ़ें पूरी खबर...(schools functional in Himachal)

शिक्षा मंत्री रोहित ठाकुर
शिक्षा मंत्री रोहित ठाकुर

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Published : Mar 5, 2023, 2:23 PM IST

Updated : Mar 5, 2023, 3:10 PM IST

शिक्षा मंत्री रोहित ठाकुर.

शिमला: हिमाचल की सुखविंदर सिंह सरकार ने बड़ा फैसला लिया है. जीरो एनरोलमेंट वाले स्कूल बंद किए जाएंगे. शिक्षा मंत्री रोहित ठाकुर ने शिमला में मीडिया से बातचीत में बताया कि विभाग से रिपोर्ट आने के बाद ये पाया गया है कि प्रदेश में 228 प्राइमरी स्कूल में एक भी छात्र नहीं है. इस तरह जीरो एनरोलमेंट वाले सभी स्कूल बंद किए जाएंगे. जीरो एनरोलमेंट वाले 56 मिडल स्कूल भी बंद होंगे. शिक्षा मंत्री रोहित ठाकुर ने बताया कि राज्य में 3000 प्राइमरी स्कूलों में एक ही टीचर काम कर रहा है. इसी करह 455 प्राइमरी व मिडल स्कूलों की व्यवस्था डेपुटेशन में तैनात अध्यापक संभाल रहे हैं.

विभाग में टीचिंग व नॉन टीचिंग के करीब 12 हजार पद खाली हैं. सुखविंदर सिंह के नेतृत्व में कांग्रेस सरकार ने सत्ता संभालने के बाद ऐसे शिक्षण संस्थानों की रिपोर्ट तैयार करने के आदेश दिए थे, जिनमें जीरो एनरोलमेंट है. अब प्रारंभिक व उच्च शिक्षा निदेशालय से रिपोर्ट आने के बाद सरकार ने स्कूल बंद करने का फैसला लिया है. यही नहीं, राज्य सरकार ने अब स्कूलों को फंक्शनल रखने के लिए न्यूनतम छात्रों की संख्या का मापदंड भी तय किया है. अब प्राइमरी स्कूल में कम से कम 10 बच्चे होना अनिवार्य है. इसके अलावा मिडल स्कूल को फंक्शनल रखने के लिए कम से कम 15 छात्र और हाई स्कूल के लिए ये संख्या 20 रखी गई है.

सीनियर सेकेंडरी स्कूल में कम से कम 25 छात्र होना जरूरी है. चूंकि हिमाचल पहाड़ी प्रदेश है और यहां की भौगोलिक परिस्थितियां अलग हैं, लिहाजा सरकार ने मापदंडों में छूट दी है. वैसे नियम के अनुसार शिक्षा विभाग ने ये तय किया है कि प्राइमरी स्कूल में 25, मिडल में 40 व सीनियर सेकेंडरी स्कूल में 60 छात्र संख्या होनी चाहिए, लेकिन पहाड़ी राज्य होने के कारण छूट दी गई है. शिक्षा मंत्री रोहित ठाकुर ने ये भी कहा कि निकट भविष्य में जरूरत के आधार पर स्कूल खोलने का विकल्प रखा गया है. यदि किसी दुर्गम ग्रामीण इलाके में प्राइमरी स्कूल की जरूरत हुई तो परिस्थितियों के अनुसार उसे खोला जाएगा. शिक्षा मंत्री ने आरोप लगाया कि पूर्व में जयराम ठाकुर के नेतृत्व वाली भाजपा सरकार ने चुनावी साल में सियासी लाभ के लिए संस्थान खोले थे.

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Last Updated : Mar 5, 2023, 3:10 PM IST

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