शिमलाः देवभूमि कहे जाने वाले हिमाचल में साल 2019 में महिलाओं के खिलाफ हुए अपराध के कुल 1013 केस दर्ज हुए हैं. प्रदेश के सीएम जयराम ठाकुर ने भी माना है कि प्रदेश में महिलाओं के खिलाफ अपराध के बढ़ते मामले चिंताजनक हैं.
2019 में महिला अपराध के कुल 1013 मामले पुलिस थानों में दर्ज हुए है, जिसमें 327 मामले दुष्कर्म के, 4 मामले दहेज प्रताड़ना के, 218 मामले महिला क्रूरता के और 464 मामले छेड़छाड़ के दर्ज हुए है.
2019 में महिला अपराध के मामले
दुष्कर्म 327
दहेज प्रताड़ना 4
महिला क्रूरता 218
छेड़छाड़ 464
कुल 1013
वहीं, पिछले पांच वर्षों की बात करें तो पांच वर्षो में 2014 में महिला अपराध के सबसे अधिक मामले दर्ज हुए थे. साल 2018 में 1047, 2017 में 846, 2016 में 880, 2015 में 915 और 2014 में 1129 महिला अपराध के मामले दर्ज हुए है.
पिछले 5 वर्ष में दर्ज हुए महिला अपराध के आंकड़े
2018 1047
2017 846
2016 880
2015 915
2014 1129
हिमाचल के स्कूलों में भी बच्चियां सुरक्षित नहीं हैं. 2019 में ऐसे कई मामले दर्ज हुए जहां स्कूली छात्राओं के साथ शिक्षकों ने विद्या के मंदिर में अभद्रता की. साल के आखिर में धर्मशाला में हुए विधानसभा के शीतकालीन सत्र में भी ये मुद्दा खूब गूंजा. जिस पर जवाब देते हुए मुख्यमंत्री ने कड़े नियम बनाने की बात कही. वहीं ऐसे मामलों पर संज्ञान लेते हुए हिमाचल महिला आयोग की अध्यक्षा डेजी ठाकुर ने स्कूलों में शिकायत बॉक्स लगाने की बात कही है.
नवंबर महीने में मंडी जिले के सरकाघाट में देवआज्ञा के नाम पर वृद्ध महिला से हुई क्रूरता मामले ने भी देवभूमि को शर्मसार कर दिया. गुड़िया मामले पर कांग्रेस को घेरते हुए महिला सुरक्षा को लेकर बड़े-बड़े दावे करके सत्ता में आए भाजपा को दो साल बीत चुके हैं, लेकिन इन दोनों की स्थिति जस की तस है. प्रदेश सरकार को महिला सुरक्षा और कानून व्यवस्था को दुरुस्त करने के लिए कड़े कदम उठाने की जरूरत है.