शिमला:हिमाचल प्रदेश में कांग्रेस की जीत का सेहरा राजस्थान के पूर्व डिप्टी सीएम सचिन पायलट के सिर बंधा है. हिमाचल का ऑब्जर्वर और स्टार प्रचारक होने के नाते सचिन पायलट ने छोटी-बड़ी 17 रैलियां की. बीजेपी के स्टार प्रचारकों की मेहनत सचिन पायलट की रणनीति आगे काम नहीं आई. माना जा रहा है कि जेपी नड्डा के गृह राज्य हिमाचल प्रदेश में कांग्रेस की शानदार जीत के कारण सचिन पायलट का कद अब और बढ़ गया है. विस्तार से पढ़िए किस तरह से हिमाचल के रनवे में पायलट ने सफल उड़ान भरकर कांग्रेस को प्रदेश का तोहफा जीतकर दिया है. ( sachin pilot himachal election campaign) (congress victory in himachal) (sachin pilot rally himachal)
सचिन ने की थी इन सीटों पर रैलियां:प्रदेश में सचिन पायलट लगातार रैली की. कांग्रेस की जीत का इसे बड़ा कारण माना जा रहा है. पायलट ने शाहपुर के रैत में उपस्थित जनसभा को संबोधित किया. 1 नवंबर को ऊना जिले के कुटलैहड़ में जनसभा को संबोधित करते हुए सचिन पायलट ने कांग्रेस उम्मीदवार देवेंद्र भुट्टो के लिए वोट मांगा. वहीं सोलन के नालागढ़ और हमीरपुर में भी सचिन पायलट ने रैली की थी. वहीं 6 नवंबर को सचिन पायलट ने कांगड़ा जिले की सुलह, पालमपुर, नूरपुर और ज्वालामुखी में रैली की और पार्टी प्रत्याशियों के पक्ष में वोट मांगा था. 7 नवंबर को शिमला के जुब्बल कोटखाई, सोलन के दून, कुल्लू के आनी और मंडी के सुंदरनगर में सचिन पायलट ने प्रचार किया था. 8 नवंबर को पायलट ने लाहौल स्पीति, मंडी के करसोग में प्रचार किया. 9 नवंबर को सोलन, धर्मपुर और कसौली में प्रचार किया. वहीं 10 नवंबर को कांगड़ा के शाहपुर, बैजनाथ, कुल्लू और मंडी के द्रंग में रैली की.
हिमाचल कांग्रेस के स्टार बने सचिन पायलट जहां सचिन पायलट ने की रैली..वहां मिली जबरदस्त सफलता:सचिन पायलट ने जहां -जहां भी रैली की और पार्टी प्रत्याशी के पक्ष में वोट मांगा वहां- वहां कांग्रेस को जबरदस्त जीत मिली है. कांगड़ा जिले की शाहपुर में सचिन पायलट की रैली का असर हुआ और कांग्रेस प्रत्याशी केवल सिंह पठानिया ने जीत दर्ज की. वहीं कांगड़ा जिले की बात करें तो कांग्रेस के स्टार प्रचारकों ने 15 सीटों को साधने की पूरी कोशिश की. यही कारण है कि कांगड़ा की 10 सीटें जीतकर कांग्रेस ने हिमाचल में अपनी सरकार बना ली है.
ऊना की कुटलैहड़ से कांग्रेस के उम्मीदवार देवेंदर कुमार ने जीत हासिल की है. वहीं ऊना जिले में कांग्रेस ने बेहतर प्रदर्शन किया. 5 सीटों में से 4 पर जीत मिली. कांगड़ा के पालमपुर से कांग्रेस के आशीष बुटेल ने जीत दर्ज की. सुलह सीट पर कांग्रेस को हार का सामना करना पड़ा. लेकिन कांगड़ा जिले में कांग्रेस का प्रदर्शन उम्दा रहा. ज्वालामुखी से कांग्रेस प्रत्याशी संजय रत्न की जीत हुई. जुब्बल कोटखाई से कांग्रेस उम्मीदवार रोहित ठाकुर जीते. दून से कांग्रेस के रामकुमार जीते. आनी सीट पर कांग्रेस की हार हुई. सुंदरनगर और करसोग से कांग्रेस को हार का मुंह देखना पड़ा. लाहौल स्पीति की एक मात्र सीट भी कांग्रेस के खाते में गई. नावागढ़ सीट से कांग्रेस के हरदीप सिंह बावा की जीत हुई. धर्मपुर सीट से चंद्रशेखर की जीत हुई. कसौली से कांग्रेस प्रत्याशी अनिरूद्ध सिंह की जीत हुई.
हिमाचल में पायलट बने स्टार:पायलट ने जिन 17 विधानसभा सीटों पर प्रचार किया, उनमें से 13 विधानसभाओं में पार्टी को सफलता मिली है. आपको बता दें कि साल 2020 में मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के खिलाफ बगावत के चलते पायलट को प्रदेश अध्यक्ष और उपमुख्यमंत्री पद खोनी पड़ी थी. इसके बावजूद पायलट को पार्टी ने वापसी के बाद हर प्रदेश में प्रचार करने के लिए स्टार प्रचारकों की सूची में शामिल किया. ऐसे में पायलट बिना पद के ही कांग्रेस प्रत्याशियों के लिए दूसरे राज्यों में लगातार प्रचार करते रहे.
सचिन पायलट के धुंआधार प्रचार का असर: हिमाचल प्रदेश में सचिन पायलट कांग्रेस के स्टार प्रचारक थे और कांगड़ा, सोलन और शिमला में धुआंधार प्रचार किया था. जिसका असर दिखा. कांगड़ा की 15 सीटों में से 10 पर कांग्रेस को जीत मिली. कांगड़ा में उन्होंने 6 सीटों पर चुनाव प्रचार किया था. वहीं सोलन की 5 सीटों में से 4 पर कांग्रेस ने जीत हासिल की. माना जा रहा है कि सचिन पायलट ने जो रणनीति बनाई थी वो हिमाचल में काम कर गई. ओपीएस का मुद्दा सचिन पायलट ने अपनी हर सभा में जोर-शोर से उठाया था. इस मुद्दे के सहारे ही कांग्रेस ने प्रदेश में बहुमत की सरकार बना डाली. सचिन पायलट ने जेपी नड्डा के गृह राज्य में चुनावी प्रचार किया और जीत भी हासिल की.
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