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Published : Apr 1, 2023, 3:22 PM IST

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बिजली की दरों में बढ़ोतरी वापस ले सरकार, 300 यूनिट फ्री बिजली लागू हो: संजय चौहान

शिमला में माकपा के जिला सचिव संजय चौहान ने प्रदेश सरकार द्वारा बिजली और पानी के दरों में बढ़ोतरी पर आपत्ति जताई है. पढ़ें पूरी खबर...

Sanjay Chauhan on hike in electricity rates
माकपा के जिला सचिव संजय चौहान

माकपा के जिला सचिव संजय चौहान

शिमला:भारत की कम्युनिस्ट पार्टी (मार्क्सवादी) ने प्रदेश सरकार द्वारा बिजली व पानी की दरों में की गई वृद्धि का विरोध किया है और सरकार से मांग करती है कि इस वृद्धि को तुरंत वापस किया जाए. माकपा के जिला सचिव संजय चौहान ने कहा है कि विधानसभा चुनाव के दौरान 300 यूनिट बिजली मुफ्त देने की गारंटी को तुरंत प्रभाव से लागू कर जनता को राहत प्रदान करे. यदि सरकार तुरंत जनता पर महंगाई का बोझ डालने वाले इस निर्णय को वापस नहीं लेती तो पार्टी इसको लेकर जनता को लामबंद कर इस जनविरोधी निर्णय को वापस लेने के लिए आंदोलन चलाएगी.

सरकार द्वारा अप्रैल से बिजली की दरों में 22 से 46 पैसे प्रति यूनिट की वृद्धि करने का निर्णय लिया है. इसके साथ ही पेयजल की दरों में भी 10 प्रतिशत की वृद्धि की गई है. इससे पहले भी प्रदेश सरकार ने जनवरी के माह में डीजल की दरों में 3 रुपये प्रति लीटर की वृद्धि की थी. केंद्र सरकार की नीतियों के चलते जनता पहले ही महंगाई से त्रस्त है. अब प्रदेश सरकार के द्वारा बिजली, पानी जैसी मूलभूत आवश्यकताओं की दरों में वृद्धि से महंगाई बढ़ेगी और जनता पर और अधिक आर्थिक बोझ पड़ेगा. शिमला शहर में तो सरकार के बिजली, पेयजल की दरों मे वृद्धि के साथ ही साथ कूड़ा उठाने की फीस में भी अप्रैल से 10 प्रतिशत की वृद्धि की गई है और अब घरेलू दर बढ़ा कर 117 रुपए प्रति माह कर दी गई है. जोकि वर्ष 2017 में 40 रुपए प्रति माह थी. गत पांच वर्षो में यह 300 प्रतिशत बढ़ा दिया है.

संजय चौहान ने कहा कि सरकार द्वारा लागू की जा रही नीतियों के चलते जनता पर एक ओर टैक्स का बोझ डाला जा रहा है और साथ ही साथ बिजली, पानी व अन्य मूलभूत आवश्कताओं को महंगा कर जीवन यापन कठिन किया जा रहा है. इससे विशेष रूप से गरीब जनता प्रभावित हो रही है. एक ओर सरकार की इन नीतियों को लागू कर रोजगार समाप्त कर रही है और जो रोजगार दिया भी जा रहा है वह भी ठेकेदारों के माध्यम से निजी या आउटसोर्स के रूप में दिया जा रहा है. जिससे कम वेतन देकर अधिक काम लिया जा रहा है. CPIM सरकार की इन महंगाई, बेरोजगारी व असमानता पैदा करने वाली नीतियों के खिलाफ आंदोलन करती रही है और आम जनता से भी अपील करती है कि सरकार की इन विरोधी नीतियों को पलटने व वैकल्पिक नीतियों के लिए लामबंद होकर इससंघर्ष में शामिल हो.

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