शिमला: हिमाचल प्रदेश विधानसभा के बजट सत्र में बुधवार को माकपा विधायक राकेश सिंघा कैबिनेट मंत्री सरवीण चौधरी से हाथ जोड़कर माफी मांगते नजर आए. मामला ही कुछ ऐसा था. माकपा के तेजतर्रार विधायक राकेश सिंघा भावनाओं में बहकर तैश में आ गए और टिप्पणी कर डाली कि जब मंत्री को अपने विभाग का ही पता नहीं तो ये कैसी कैबिनेट चल रही है.
हालांकि सिंघा को तुरंत अहसास हो गया कि उनके शब्द अप्रिय हैं और सदन की मर्यादा के अनुकूल नहीं हैं तो उन्होंने तुरंत ये भी कह दिया कि वे मंत्री से हाथ जोड़कर माफी मांगते हैं. यही नहीं, सिंघा के कटु शब्द सुनकर कैबिनेट मंत्री सरवीण चौधरी का चेहरा भी तमतमा गया और उन्होंने कहा कि विधायक सिंघा को अपनी जुबां पर लगाम लगानी चाहिए. बीच में ही राकेश सिंघा ने कह दिया कि वे हाथ जोड़कर माफी मांगते हैं, लेकिन सरवीण चौधरी ने भी अपनी बात कहने में कोई कमी नहीं रखी.
विपिन सिंह परमार ने भी सिंघा को सलाह दी
दरअसल, प्रश्नकाल में एक सवाल सामाजिक न्याय व अधिकारिता विभाग से जुड़ा था. सिंघा जानना चाहते थे कि नई शिक्षा नीति आने के बाद से क्या आंगनवाड़ी केंद्रों में प्री-प्राइमरी कक्षाएं चलती रहेंगी? सिंघा ने ये भी जानना चाहा कि इस संदर्भ में बैठकों का आयोजन किया गया है और उसमें कौन-कौन से विभाग के कितने सदस्य शामिल किए गए हैं? जब माकपा विधायक और मंत्री में तल्खी हुई तो बाद में विधानसभा अध्यक्ष विपिन सिंह परमार ने भी सिंघा को सलाह दी कि शब्दों का चयन सही तरीके से किया जाए.