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छात्रवृत्ति घोटाले के तीनों आरोपियों की कोर्ट में हुई पेशी, मिला 4 दिन का रिमांड - आरोपियों की कोर्ट में हुई पेशी

250 करोड़ छात्रवृत्ति घोटाले के तीनों आरोपियों को शनिवार को कोर्ट में पेश किया गया. CBI ने तीनों आरोपियों को चीफ ज्यूडिशियल मजिस्ट्रेट के समक्ष पेश किया, जहां से कोर्ट ने उन्हें चार दिन के पुलिस रिमांड पर भेज दिया है.

accused in scholarship scam
छात्रवृत्ति घोटाले के आरोपी

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Published : Jan 4, 2020, 6:01 PM IST

शिमला: प्रदेश के बहुचर्चित 250 करोड़ छात्रवृत्ति घोटाले के तीनों आरोपियों को शनिवार को कोर्ट में पेश किया गया. सीबीआई ने तीनों आरोपियों को चीफ ज्यूडिशियल मजिस्ट्रेट के समक्ष पेश किया.सीजेएम डॉ. परविंदर सिंह अरोड़ा ने आरोपियों को चार दिन के पुलिस रिमांड पर भेज दिया है. आठ जनवरी को तीनों आरोपियों को फिर से जिला कोर्ट में पेश किया जाएगा.

गौरतलब है कि बीते शुक्रवार को सीबीआई ने तीनों आरोपियों को छात्रवृत्ति घोटाले में गिरफ्तार किया था. सीबीआई ने केसीसी ग्रुप के चेयरमेन हितेश गांधी, अरबिंद राजटा, सेंट्रल बैंक के हेड कैशियर एसपी सिंह को गिरफ्तार किया था.

छात्रवृत्ति घोटाले के आरोपी
बता दें कि शिक्षा विभाग हिमाचल प्रदेश के अनुसूचित जाती, जनजाति, अल्पसंख्यक श्रेणी के प्री मेट्रिक और पोस्ट मेट्रिक छात्रों को छात्रवृत्ति देती है. साल 2013-14 से लेकर साल 2016-17 तक किसी भी स्तर पर छात्रवृत्ति योजनाओं की मॉनीटरिंग नहीं हुई. जांच रिपोर्ट के अनुसार 80 फीसदी छात्रवृत्ति का बजट सिर्फ निजी संस्थानों में बांटा गया जबकि सरकारी संस्थानों को छात्रवृत्ति के बजट का मात्र 20 फीसदी हिस्सा मिला.
छात्रवृत्ति घोटाले के आरोपी

विभागीय जांच में सामने आया कि चार साल में 2.38 लाख छात्रों में से 19,915 को चार मोबाइल फोन नंबर से जुड़े बैंक खातों में छात्रवृत्ति राशि जारी कर दी गई. इसी तरह 360 छात्रों की छात्रवृत्ति चार ही बैंक खातों में ट्रांसफर की गई. 5,729 विद्यार्थियों को छात्रवृत्ति देने में तो आधार नंबर का प्रयोग ही नहीं किया गया है. छात्रवृत्ति आबंटन में निजी शिक्षण संस्थानों ने सभी नियमों को ताक पर रखा.छात्रवृत्ति घोटाला सामने आने के बाद मुख्यमंत्री जयराम ने इसकी सीबीआई जांच करवाने की बात कही थी. इस मामले में केंद्र सरकार द्वारा जारी की गई राशि का बड़े पैमाने पर दुरुपयोग हुआ है. ऐसे में मामले के दायरे को देखते हुए सरकार ने सीबीआई जांच करवाने का निर्णय लिया था.

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