हिमाचल प्रदेश

himachal pradesh

ETV Bharat / state

कोरोना वॉरियर्स की नौकरी पर लटकी तलवार! 30 जून को खत्म हो रहा कॉन्ट्रैक्ट, CM से स्थायी नीति बनाने की मांग - Corona Warriors protest in Shimla

कोरोना काल में नियुक्ति किए स्वास्थ्य कर्मी सहित अन्य कर्मचारियों का अनुबंध 30 जून को खत्म होने जा रहा है. जिसको लेकर कोरोना वॉरियर्स ने सीएम सुखविंदर सिंह सुक्खू से मुलाकात की. इस दौरान उन्होंने सीएम से कोरोना वॉरियर्स के लिए स्थायी नीति बनाने की मांग रखी.

Etv Bharat
Etv Bharat

By

Published : Jun 20, 2023, 10:18 AM IST

शिमला:हिमाचल के अस्पतालों में सेवाएं दे रहे कोविड वॉरियर्स की नौकरी पर फिर खतरा मंडराने लगा है. एक ओर जहां कोविड वॉरियर्स को समय पर सैलरी नहीं मिल रही है. वहीं, उनके अनुबंध की एक्सटेंशन भी 30 जून को खत्म हो रही है. इसके चलते राज्य भर के कोविड वॉरियर्स बड़ी संख्या में सीएम सुखविंदर सिंह सुक्खू से मिलने सचिवालय पहुंचे. इस दौरान कर्मचारियों ने सीएम सेतीन माह की अनुबंध एक्सटेंशन की शर्त को हटाकर स्थायी नीति बनाने की मांग की.

हिमाचल में कोरोना महामारी के दौरान 1,891 आउटसोर्स कर्मियों की अस्पतालों में तैनाती की गई थी. इनमें स्टाफ नर्स, डाटा एंट्री ऑपरेटर, चतुर्थ श्रेणी कर्मचारियों के अलावा अन्य श्रेणी के कर्मी शामिल हैं. इनका अनुबंध कार्यकाल पहले मार्च में खत्म हो गया था, जिसके बाद सरकार ने तीन माह के लिए एक्सटेंशन दी, जो 30 जून को खत्म हो रही है. अब फिर से इन कर्मचारियों की नौकरी पर खतरा मंडराने लगा है.

इससे पहले इनका कार्यकाल मार्च में पूरा हो गया था. तब भी कई कर्मचारियों की नौकरियां चली गई थीं, यही नहीं उनको समय पर तनख्वाह भी नहीं मिल रही थी. हालांकि, इसके बाद सुखविंदर सिंह सुक्खू सरकार ने इनका कार्यकाल तीन माह के लिए बढ़ा दिया था. लेकिन वह भी अब खत्म होने जा रहा है. यही वजह है कि प्रदेशभर के कोरोना वॉरियर्स मुख्यमंत्री से मिलने शिमला पहुंचे. पहले ये लोग सुबह ओक ओवर में मुख्यमंत्री से मिलने गए, लेकिन वहां सीएम इन लोगों से नहीं मिल पाए, जिसके बाद वे सभी सचिवालय पहुंचे और मुख्यमंत्री से मिले.

कोविड वॉरियर्स की मांग है कि उनके लिए तीन माह वाली एक्सटेंशन की शर्त को खत्म किया जाए. जब तक कोई पॉलिसी नहीं बनती तब तक किसी को भी बाहर न निकला जाए. कोविड वॉरियर्स ने कहा वे अन्य स्टाफ की तरह सभी जगह सेवाएं दे रहे हैं. कोरोना कॉल में जब कोविड मरीजों से मिलने से भी लोग कतराते थे, तब यही कर्मचारी अपनी जान की परवाह किए बिना मरीजों की देखभाल सहित अन्य कार्य करते थे. तब उनको कोविड वॉरियर्स की श्रेणी में रखा गया था, लेकिन अब जबकि कोविड खत्म हो गया है तो ये अपनी नौकरी को बचाने के लिए जूझ रहे हैं.

स्टाफ नर्सिस सेवाएं दे रहीं मनीषा, मीनाक्षी और नीना ने कहा सरकार ने कोविड काल में जरूरत को देखते हुए तब उनको नियुक्तियां दी थीं. उन्होंने अपनी नियुक्तियां खुद नहीं की, बल्कि तब सरकार ने अपनी जरूरत को देखते हुए उनकी तैनाती की थी. अभी भी वे वार्डों में पूरी ड्यूटियां दे रही है, लेकिन उनके भविष्य को लेकर सरकार गंभीर नहीं है. अगर सरकार ओपीएस के जैसा बड़ा फैसला फैसला ले सकती तो, आउटसोर्स कर्मियों का फैसला तो सरकार के लिए बहुत छोटा है. इसे वह क्यों नहीं ले सकती. उन्होंने सरकार से उनके लिए स्थायी नीति बनाने की मांग की.

कोविड वॉरियर्स ने मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू से मुलाकात की और स्थायी नीति बनाने की मांग रखी. आउटसोर्स कर्मचारी अंजली भारद्वाज ने कहा सीएम सुखविंदर सिंह सुक्खू ने कर्मचारियों को आश्वासन दिया कि उनको आगे एक्टेंशन दी जाएगी. यही नहीं मुख्यमंत्री ने यह भी आश्वासन दिया है कि आगे जब भी अस्पतालों में नियुक्तियां की जाएंगो तो उनको इनमें प्राथमिकता दी जाएगी.

वहीं, प्रदेश के स्कूलों में तैनात वोकेशनल शिक्षक भी स्थायी नीति बनाने की मांग को लेकर सचिवालय पहुंचे. शिक्षकों ने कहा वे लंबे समय से स्थायी नीति की मांग सरकार के समक्ष रखते आए हैं, लेकिन सरकार ने उनकी मांगों को नहीं माना. इन शिक्षकों को कंपनियों के माध्यम से सरकारी स्कूलों में रखा गया है. इन शिक्षकों ने भी सीएम सुखविंदर सिंह सुक्खू से स्थायी नीति बनाने की मांग की.

ये भी पढ़ें:Chamba Murder case: मनोहर हत्याकांड की फास्ट ट्रैक कोर्ट में हो सुनवाई, 90 दिनों में दोषियों को दी जाए फांसी: VHP

ABOUT THE AUTHOR

...view details