शिमला: कोरोना वायरस महामारी अर्थव्यवस्था के लिए भी घातक साबित है. लगभग हर हफ्ते किसी न किसी क्षेत्र से हजारों कर्मचारियों को बिना वेतन के छुट्टी देने, नौकरियों से निकालने, वेतन में भारी कटौती की खबरें आ रही हैं. हिमाचल में भी कुछ ऐसे ही हालात हैं.
प्रदेश के बाहरी राज्यों में काम करने वाले हजारों लोग भी बेरोजगार हो गए है. बेरोजगार होने वाले लोगों का यह आंकड़ा हजारों में है. प्रदेश में कोविड की वजह से बेरोजगारी का जो आंकड़ा पहले था उसमें बढ़ोतरी हो गई है.
सेंटर फॉर मॉनिटरिंग इंडियन इकोनॉमी की रिपोर्ट के मुताबिक प्रदेश में बढ़ रही बेरोजगारी की दर पर ज्ञान,विज्ञान समिति के प्रदेश सचिव जियानंद शर्मा कहा कि प्रदेश में सरकारी आंकड़े पर गौर करें तो सरकारी आंकड़ों ने इनकी संख्या साढ़े आठ लाख के करीब है, लेकिन यह आंकड़ा वास्तव में 14 लाख के करीब होगा.
ऐसा नहीं है कि हिमाचल में बेरोजगारी का मुद्दा कोरोना काल में शुरू हुआ है.प्रदेश की आर्थिक संरचना और भौगोलिक परिस्थितियों के चलते यहां के युवाओं को बरोजगारी की समस्या का सामना बहुत पहले से करना पड़ रहा है.
देश में बेरोजगारी दर की बात की जाए तो यह दर 7.93 फीसदी है. आंकड़ों पर नजर दौड़ाए तो देश में बेरोजगारी दर के मामले में हरियाणा 24.5 फीसदी के साथ पहले स्थान पर, दिल्ली 20.3 के साथ दूसरे स्थान पर और हिमाचल 16.7 साथ तीसरे स्थान पर है.
स्किल से जोड़ने का किया जा रहा प्रयास
प्रदेश सरकार ने कोविड के समय में जिन लोगों का रोजगार गया उन्हें रोगजार देने के लिए स्किल रजिस्टर पोर्टल पर पंजीकरण कर रोजगार के अवसर देने की पहल कि हैं. इस पोर्टल पर अभी तक 16 हजार से अधिक लोग पंजीकरण करवा चुके है. उसमें से 1100 लोगों की डिमांड उघोगों में थी लेकिन मात्र 250 लोग ही इंटव्यू देने के लिए आए.