शिमला:आईजीएमसी शिमला में एडमिट हाेने वाले काेराेना मरीजाें काे सरकार की ओर से 54 प्रकार की दवाएं फ्री दी जा रही हैं. ऐसे में तबीयत बिगड़ने, महंगे इंजेक्शन की जरूरत पड़ेने, एमआरअआई या सीटी स्कैन समेत काेई अन्य महंगे टेस्ट करवाने की जरूरत पड़ने पर करवाने पड़ते थे.
सरकार ने दिया अप्रूवल
इसके लिए अब आईजीएमसी प्रशासन काेराेना मरीजाें काे इलाज के साथ-साथ किसी भी प्रकार के महंगे टेस्ट या इंजेक्शन के लिए परेशान नहीं हाेने देगा. प्रशासन अपने स्तर पर मरीजों के इलाज का खर्च उठाएगा. राेगी कल्याण समिति में काेराेना मरीजाें काे 30 हजार तक का इंजेक्शन भी फ्री लगाया जाएगा. वहीं सीटी स्कैन, एमआरअआई और अन्य तरह के टेस्ट भी प्रशासन अपने स्तर पर करेगा. इससे काेराेना मरीजाें काे इलाज के दाैरान परेशानी नहीं होगी. इसे लेकर हाल ही में प्रशासन ने गर्वनिंग काउंसिल की बैठक में अप्रूवल लिया है.
अभी तक यह है व्यवस्था
माैजूदा समय में सरकार नेशनल हेल्थ मिशन के तहत काेराेना मरीजाें काे 54 प्रकार के टेस्ट और दवाओं के लिए फंड देती थी. ऐसे में अगर डाॅक्टर काे किसी मरीज का इससे हटकर काेई टेस्ट करवाना हाेता था या फिर उन्हें इंजेक्शन देना हाेता था ताे उसके लिए सरकारा काेई फंड नहीं देती थी. इसके चलते मरीजों को परेशानी का सामना करना पड़ता था, लेकिन अब प्रशासन राेगी कल्याण समिति में ही काेराेना मरीजाें के इलाज का पूरा खर्च उठाएगा.
काेराेना मरीजाें को फ्री इलाज
प्रशासन का काेराेना मरीजाें के महंगे इलाज और फ्री टेस्ट करने का एक मकसद और था. प्रशासन का कहना है कि काेराेना मरीजाें काे नियमाें के तहत अकेला रखा जाता है. ऐसे में उनके साथ काेई तीमारदार भी नहीं रहता है और ना ही उनके पास ज्यादा सामान हाेता है, जिसके चलते अगर मरीज काे इलाज के दाैरान काेई टेस्ट करवाना हाेता था ताे वह अकेले हाेने के कारण पैसे नहीं दे पाता था. ऐसे में अब उन्हें सभी तरह का इलाज फ्री दिए जाने का प्रावधान कर दिया गया है, जिससे मरीजाें काे दिक्कत ना आए.