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'संजीवनी' बनी ई-संजीवनी सेवा, अब तक 80,062 लोगों को मिला लाभ

ई-संजीवनी सेवा के माध्यम से राज्य में अब तक 80,062 परामर्श प्रदान किए गए हैं. ईजीएमसी शिमला, डाॅ. राजेन्द्र प्रसाद राजकीय चिकित्सा महाविद्यालय टांडा और श्री लाल बहादुर शास्त्री राजकीय चिकित्सा महाविद्यालय नेरचैक मंडी में विशेषज्ञों के माध्यम से सेवाएं प्रदान की जा रही हैं. डाॅ. राधाकृष्णन चिकित्सा महाविद्यालय हमीरपुर में विशेषज्ञ हब स्थापित करने की प्रक्रिया जारी है.

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Published : May 25, 2021, 10:04 PM IST

शिमला:एम्स बिलासपुर में ई-संजीवनी ओपीडी सेवा आरम्भ होने के पहले दिन ही 60 रोगियों को टेलीमेडिसिन सेवाएं प्रदान की गई थी. इस महीने राज्यभर में ई-संजीवनी ओपीडी के माध्यम से परामर्श में वृद्धि दर्ज की गई है. ई-संजीवनी ओपीडी के माध्यम से परामर्श में जिला कांगड़ा ने सबसे बेहतरीन प्रदर्शन किया है. कांगड़ा जिला में 384, शिमला में 230 और हमीरपुर में 159 रोगियों को इस सेवा के माध्यम से परामर्श प्रदान किया गया है.

स्वास्थ्य विभाग के प्रवक्ता ने कहा कि ई-संजीवनी सेवा के माध्यम से राज्य में अब तक 80,062 परामर्श प्रदान किए गए हैं. सोलन जिला में हेल्थ एण्ड वैलनेस केन्द्रों के माध्यम से सबसे अधिक 18,470 परामर्श दिए गए हैं, जबकि मंडी में 14,888 और कांगड़ा में 13,524 परामर्श दिए गए हैं.

गैर विशेषज्ञ उपचार के लिए 36,702 परामर्श, चिकित्सा उपचार के लिए 16,001 परामर्श, शिशु रोग विशेषज्ञता के लिए 7,914 परामर्श, प्रसूति एवं स्त्री रोग के लिए 7,586 परामर्श और परामर्श मनोचिकित्सा के लिए 4,907 परामर्श प्रदान किए गए हैं. प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्रों में चिकित्सा अधिकारियों ने हेल्थ एण्ड वेलनेस केन्द्रों को 23,811 परामर्शों में सहयोग प्रदान किया है.

आईजीएमसी शिमला, डाॅ. राजेन्द्र प्रसाद राजकीय चिकित्सा महाविद्यालय टांडा और श्री लाल बहादुर शास्त्री राजकीय चिकित्सा महाविद्यालय नेरचौक मंडी में विशेषज्ञों के माध्यम से सेवाएं प्रदान की जा रही हैं. डाॅ. राधाकृष्णन चिकित्सा महाविद्यालय हमीरपुर में विशेषज्ञ हब स्थापित करने की प्रक्रिया जारी है.

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