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कांग्रेस ने चेताया, हिमाचल के हित में नहीं धारा-118 से छेड़खानी - धारा 118

अग्निहोत्री ने सवाल किया है कि 2011 में जो नियम नोटिफाई हुए थे जिसमें 6 विभागों से एनओसी लेनी होती थी उसे वापस करने का फैसला जयराम कैबिनेट में किया गया है या नहीं.

मुकेश अग्निहोत्री, नेता प्रतिपक्ष

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Published : Jun 11, 2019, 1:06 PM IST

शिमला: हिमाचल में एक बार फिर धारा 118 को लेकर घमासान शुरू हो गया है. कांग्रेस ने जयराम सरकार से धारा 118 के वर्ष 2011 के नियमों को वापस लेने को लेकर स्पष्टीकरण मांगा है. नेता प्रतिपक्ष मुकेश अग्निहोत्री ने मुख्यमंत्री जयराम से सवाल किया कि वे बताए कि धारा 118 में फेरबदल करने का मामला क्या कैबिनेट में लाया गया था या नहीं.


अग्निहोत्री ने कहा कि 2011 में जो नियम नोटिफाई हुए थे जिसमें 6 विभागों से एनओसी लेनी होती थी उसे वापस करने का फैसला जयराम कैबिनेट में किया गया है या नहीं. मुकेश ने कहा कि धारा 118 हिमाचल के लिए बहुत ही संवेदनशील मसला है जिसको छूने से भी ऐसा लगता है कि हिमाचल को बेचने का प्रयास किया जा रहा है.

मुकेश अग्निहोत्री, नेता प्रतिपक्ष


मुकेश ने कहा कि कांग्रेस अभी तक इस मसले पर कुछ नहीं बोल रही है, लेकिन इसका ये मतलब नहीं है कि हमे कुछ भी मालूम नहीं है. 2011 में बीजेपी सरकार ने ही विभिन्न विभागों से एनओसी लेने का प्रावधान किया था. उन्होंने कहा कि जयराम सरकार ने कैबिनेट की बैठक में इस मामले को लाकर इन नियमों को वापस लिया जा रहा है. मुख्यमंत्री को इसको लेकर अपना स्पष्टीकरण देना चाहिए.


नेता प्रतिपक्ष ने कहा कि कांग्रेस धारा 118 को डायलुट करने का विरोधी है. इसे हिमाचल के पहले मुख्यमंत्री वाई एस परमार के समय लाया गया था और इससे छेड़छाड़ नहीं होनी चाहिए. मुकेश ने आशंका जताई कि कही सीएम इसमें छेड़छाड़ तो नहीं कर रहे हैं.


बता दें कि कुछ दिनों से सोशल मीडिया में धारा 118 को लेकर खूब बहस छिड़ी थी और आरोप लगाए जा रहे थे कि जयराम सरकार धारा- 118 के साथ छेड़छाड़ कर रही है. सोशल मीडिया में हो रही इस बहस को लेकर मुख्यमंत्री जयराम को स्पष्टीकरण देना पड़ा और धारा में किसी भी तरह के बदलाव को अफवाह करार दिया है. सीएम ने स्पष्ट किया कि धारा- 118 से कोई छेड़छाड़ नहीं की जा रही है और यदि इस तरह की अफवाह फैलाई जाएगी तो कानूनी कार्रवाई अमल में लाई जाएगी.


वहीं अब कांग्रेस ने भी इसको लेकर सवाल खड़े किए है और मुख्यमंत्री से स्पष्टीकरण देने की मांग की है.

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