शिमला: हिमाचल विधानसभा बजट पर चर्चा के दौरान कांग्रेस विधायक विक्रमादित्य सिंह ने जयराम सरकार पर जमकर निशाना साधा. विक्रमादित्य सिंह ने महंगाई बेरोजगारी और कर्ज को लेकर सरकार को घेरा और बजट को सुहावने वादे करार दिया.
उन्होंने कहा कि जो वायदे किए गए है, वे बजट तक की समिति है. शगुन योजना में बेटियों को जातियों के आधार पर बांट दिया, इससे दुर्भाग्यपूर्ण क्या हो सकता है. 30 हजार नौकरियों की बात कही गई है लेकिन पहले जो है, उनको तो संभाल लें. ओल्ड पेंशन योजना को जिक्र नहीं है. चादर तो फैला दी, लेकिन वित्तीय प्रबंधन को कोई पता नहीं है.
विधायक विक्रमादित्य सिंह ने कहा कि ये बजट न तो युवाओं, महिलाओं कर्मचायिों को लुभाता है और न ही किसी अन्य वर्ग को. जिस सरकार को कर्मचारियों को बुदआ लगी है, वह रीपिट नहीं हुई है. 25 साल का सपना तो छोड़ दें. जिस तरह का धमका उत्तराखंड में हुआ है वैसा आने वाले समय में यहां ने हो. जितना बुटआ इजाजत देता है, उतने की पांव पैसारे.
जनमंच बना झंडमंच
विक्रमादित्य सिंह ने जनमंच पर सवाल खड़े किए और जनमंच को झंडमच करार दिया .उन्होंने कहा कि जन मंच में लोगों की समस्याओं का समाधान कम और अधिकारियों को धमकाने का काम ज्यादा हो रहा है .उन्होंने सरकार को नसीहत दी कि अफसरशाही को धमका कर शासन का दुरुपयोग करना ठीक नहीं है.
प्रदेश में 20 लाख बेरोजगार
विक्रमादित्य सिंह ने कहा कि प्रदेश में बेरोजगारी का आंकड़ा हर साल बढ़ रहा है. पहले यह आंकड़ा जहां 14 लाख था वहीं अब बढ़कर 20 लाख से ज्यादा हो गया है . कोविड-19 के दौरान काफी युवा बेरोजगार हो गए हैं लेकिन यह सरकार इन युवाओं को रोजगार देने में पूरी तरह से विफल हो गई है. युवा सरकार से रोजगार की गुहार लगा रहे हैं, लेकिन बजट में बेरोजगारों के लिए कुछ नहीं है.