शिमलाः चुनाव के दौरान पार्टी अपने स्टार प्रचारक की सूची जारी करती है. ये स्टार प्रचारक प्रदेश और देश के हर कोने में पार्टी के लिए प्रचार करते हैं. स्टार प्रचारक ऐसे चेहरे होते हैं जिनका अपना प्रभाव होता है. पीएम नरेंद्र मोदी, बीजेपी अध्यक्ष अमित शाह, कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी, प्रियंका गांधी, नवजोत सिंह सिद्धू सभी अपनी प्रार्टी के स्टार प्रचारक हैं. स्टार प्राचरक का दायित्व होता है कि वो पार्टी के उम्मीदवार के साथ प्रचार करके मतदाताओं को अपने पक्ष में रिझा सकें, लेकिन हिमाचल में उल्टी गंगा बह रही है.
हिमाचल में कांग्रेस ने वीरभद्र सिंह को स्टार प्रचारक बनाया है, लेकिन वीरभद्र सिंह और दूसरे नेताओं के बयानों के चलते पार्टी के उम्मीदवारों के सितारों को ही ग्रहण लग गया है. वीरभद्र समेत कई नेता रैलियों में अपनी ही पार्टी के नेताओं की खिल्ली उड़ा रहे हैं. कांग्रेस नेताओं के मंच से दिए ये भाषण बीजेपी के लिए सोशल मीडिया पर प्रचार का माध्यम बन गए हैं. या यूं कहें कि कांग्रेस के स्टार प्रचारक बीजेपी के लिए स्टार प्राचरक बन गए हैं.
कांग्रेस पार्टी में चल रही अंदरूनी जंग किसी से छिप्पी नहीं है. चुनाव से पहले कयास लगाए जा रहे थे कि चुनाव में पार्टी एकजुट होगी, लेकिन ऐसा अभी तक हुआ नहीं है. वीरभद्र सिंह भूल गए हैं कि वो पार्टी के प्रत्याशियों के लिए प्रचार कर रहे हैं. वो प्रचार कम और अपनी भड़ास ज्यादा निकालते दिख रहे हैं.
वीरभद्र सिंह ने पूर्व कांग्रेस प्रदेशाध्यक्ष सुक्खू का नाम लिए बिना कहा कि जो पीसीसी में गंद था वो अब साफ हो गया है. इसका वीडियो बीजेपी ने अपने ऑफिशियल ट्विटर हैंडल पर भी अपलोड किया था.
इसके बाद वीरभद्र सिंह की जुबान फिर बेकाबू हुई और शिमला सीट से कांग्रेस प्रत्याशी धनीराम शांडिल को मंच से ही 'पुराना पापी' कह दिया था.