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सुखविंदर सरकार ने इन जिलों में 62 स्कूल किए बंद, प्रतिभा सिंह ने अपनी ही सरकार को घेरा

सुखविंदर सरकार के स्कूल बंद करने के फैसले को लेकर कांग्रेस प्रदेशाध्यक्ष प्रतिभा सिंह ने अपनी ही सरकार को कटघरे में खड़ा किया है. उन्होंने कहा है कि चंबा, किन्नौर, लाहौल स्पीति में अब तक 62 स्कूल बंद हो चुके हैं. जिससे बच्चों की पढ़ाई प्रभावित होती है.

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डिजाइन फोटो.

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Published : May 29, 2023, 7:51 PM IST

शिमला:सुखविंदर सिंह सुक्खू की सरकार ने सत्ता में आते ही सबसे पहले पूर्व सरकार के समय में खोले गए शिक्षण संस्थानों सहित अन्य संस्थानों को बंद करने के फरमान जारी किए थे. प्रदेश में अब तक करीब 900 संस्थानों पर सुखविंदर सिंह सुक्खू की सरकार ताला जड़ चुकी है. इनमें तीन सबसे दुर्गम जिला चंबा और जनजातीय जिला किन्नौर व लाहौल स्पीति में ही 62 स्कूलों को अब तक बंद किया जा चुका है. कांग्रेस की प्रदेशाध्यक्ष प्रतिभा सिंह ने जनजातीय क्षेत्रों में स्कूल बंद करने पर अपनी ही सरकार को कटघरे में खड़ा किया है.

कांग्रेस की प्रदेशाध्यक्ष ने अपने ही सरकार को घेरा:प्रदेश में स्कूल बंद करने पर जहां विपक्षी भाजपा सुखविंदर सिंह सुक्खू सरकार पर लगातार हमलावर है, वहीं अब कांग्रेस की प्रदेशाध्यक्ष ने ही स्कूल बंद करने के फैसले को लेकर अपनी ही सरकार को घेरा है. प्रतिभा सिंह ने जनजातीय इलाकों का हवाला देते हुए कहा इन जगहों पर स्कूल बंद करने से बच्चों की पढ़ाई प्रभावित होती है. प्रतिभा सिंह ने अपने हाल ही के लाहौल स्पीति के दौरे का जिक्र करते हुए कहा कि लोगों ने स्कूलों को बंद न करने का आग्रह किया है. ऐसे में सुखविंदर सरकार जनभावनाओं को देखते हुए इन स्कूलों को डिनोटिफाई न करे.

चंबा, किन्नौर, लाहौल स्पीति में 62 स्कूल हो चुके हैं बंद:प्रदेश सरकार ने कम बच्चों की संख्या का हवाला देकर राज्य में प्राइमरी, मिडिल और सीनियर सेकेंडरी स्कूलों को बंद करने की मुहिम जारी रखी है. अब तक पूरे प्रदेश में करीब 392 स्कूलों को सुखविंदर सरकार बंद कर चुकी है. इनमें चंबा, किन्नौर और लाहौल स्पीति जिलो के ही 62 स्कूल हैं. चंबा जिले में 22 स्कूलों पर सरकार ताला जड़ चुकी हैं. चंबा जिला दुर्गम क्षेत्र है और इसके भरमौर क्षेत्र को जनजातीय दर्जा है. इसी तरह दो जनजातीय जिले किन्नौर और लाहौल स्पीति में भी सरकार ने बड़ी संख्या में स्कूल बंद किए हैं. सरकार किन्नौर जिला मे 15 स्कूलों को बंद किर चुकी है, जबकि लाहौल स्पीति में 25 स्कूलों को सरकार ने अब तक डिनोटिफाई किया है.

'बच्चों की कमी की वजह से नहीं बंद हो स्कूल':प्रतिभा सिंह ने कहा कि जनजातीय क्षेत्रों की भौगोलिक परिस्थितियों के अनुरूप पूर्व कांग्रेस की वीरभद्र सिंह सरकार ने इन क्षेत्रों में लोगों की सुविधा विशेष तौर पर छोटे बच्चों की सुविधा के लिए अनेको स्कूल खोले हैं. यहां बच्चों की संख्या कम हो सकती है. इन्हें बच्चों की कमी की वजह से बंद नहीं किया जाना चाहिए, क्योंकि यह क्षेत्र ऐसे है जो बर्फबारी की वजह से पूरी तरह अस्त व्यस्त हो जाते हैं.

'किसी भी स्कूल को ना करें डिनोटिफाई':उन्होंने कहा कि लाहौल स्पीति, किन्नौर, चंबा का पांगी और भरमौर के ऐसे कई क्षेत्र हैं, जहां भारी बर्फबारी की वजह से लोग सड़क, संचार संपर्क से पूरी तरह कट जाते हैं, ऐसे में छोटे बच्चों की शिक्षा प्रभावित होती है. प्रतिभा सिंह ने कहा कि वह अभी लाहौल स्पीति के दौरे से लौटी हैं और इस क्षेत्र के लोगों ने उनसे अपने क्षेत्र में खोले गए किसी भी स्कूल को बंद ना करने का आग्रह उनसे किया है. प्रतिभा सिंह ने राज्य सरकार से कहा कि इन क्षेत्रों में लोगों की भावना के अनुरूप जनहित में किसी भी स्कूल को बंद अथवा डिनोटिफाई ना करें.

उल्लेखनीय है कि सुखविंदर सिंह सुक्खू सरकार ने सत्ता में आते ही पूर्व सरकार के आखिरी समय में खोले गए संस्थानों को बंद करने का फैसला किया था. जयराम सरकार के समय में खोले गए करीब 900 संस्थानों को सुखविंदर सिंह सुक्खू सरकार ने बंद किया है. इसको लेकर विपक्षी भाजपा ने विधानसभा और इसके बाहर सुखविंदर सरकार को घेरा और कई जगह धरना प्रदर्शन भी किए. प्रतिभा सिंह के स्कूलों को बंद करने संबंधी बयान के बाद अब भाजपा को सरकार पर हमला करने का एक और मौका मिल गया है.

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