शिमला:सुखविंदर सिंह सुक्खू की सरकार ने सत्ता में आते ही सबसे पहले पूर्व सरकार के समय में खोले गए शिक्षण संस्थानों सहित अन्य संस्थानों को बंद करने के फरमान जारी किए थे. प्रदेश में अब तक करीब 900 संस्थानों पर सुखविंदर सिंह सुक्खू की सरकार ताला जड़ चुकी है. इनमें तीन सबसे दुर्गम जिला चंबा और जनजातीय जिला किन्नौर व लाहौल स्पीति में ही 62 स्कूलों को अब तक बंद किया जा चुका है. कांग्रेस की प्रदेशाध्यक्ष प्रतिभा सिंह ने जनजातीय क्षेत्रों में स्कूल बंद करने पर अपनी ही सरकार को कटघरे में खड़ा किया है.
कांग्रेस की प्रदेशाध्यक्ष ने अपने ही सरकार को घेरा:प्रदेश में स्कूल बंद करने पर जहां विपक्षी भाजपा सुखविंदर सिंह सुक्खू सरकार पर लगातार हमलावर है, वहीं अब कांग्रेस की प्रदेशाध्यक्ष ने ही स्कूल बंद करने के फैसले को लेकर अपनी ही सरकार को घेरा है. प्रतिभा सिंह ने जनजातीय इलाकों का हवाला देते हुए कहा इन जगहों पर स्कूल बंद करने से बच्चों की पढ़ाई प्रभावित होती है. प्रतिभा सिंह ने अपने हाल ही के लाहौल स्पीति के दौरे का जिक्र करते हुए कहा कि लोगों ने स्कूलों को बंद न करने का आग्रह किया है. ऐसे में सुखविंदर सरकार जनभावनाओं को देखते हुए इन स्कूलों को डिनोटिफाई न करे.
चंबा, किन्नौर, लाहौल स्पीति में 62 स्कूल हो चुके हैं बंद:प्रदेश सरकार ने कम बच्चों की संख्या का हवाला देकर राज्य में प्राइमरी, मिडिल और सीनियर सेकेंडरी स्कूलों को बंद करने की मुहिम जारी रखी है. अब तक पूरे प्रदेश में करीब 392 स्कूलों को सुखविंदर सरकार बंद कर चुकी है. इनमें चंबा, किन्नौर और लाहौल स्पीति जिलो के ही 62 स्कूल हैं. चंबा जिले में 22 स्कूलों पर सरकार ताला जड़ चुकी हैं. चंबा जिला दुर्गम क्षेत्र है और इसके भरमौर क्षेत्र को जनजातीय दर्जा है. इसी तरह दो जनजातीय जिले किन्नौर और लाहौल स्पीति में भी सरकार ने बड़ी संख्या में स्कूल बंद किए हैं. सरकार किन्नौर जिला मे 15 स्कूलों को बंद किर चुकी है, जबकि लाहौल स्पीति में 25 स्कूलों को सरकार ने अब तक डिनोटिफाई किया है.