शिमला:कांग्रेस ने सरकार पर बागवानों की अनदेखी के आरोप लगाए हैं. कांग्रेस के महासचिव रजनीश किमटा ने कहा कि सेब का सीजन जोरों पर है, लेकिन हिमाचल सरकार को इसकी कोई परवाह नहीं है. मानसून के कारण ग्रामीण क्षेत्रों (छोटी लिंक सड़कों) में बहुत सी जगहें हैं, जहां भूस्खलन हो रहा है. सेब के डिब्बों से लदे ट्रकों को सड़कों पर लंबा इंतजार करना पड़ता है. इससे बागवानों को भारी नुकसान का सामना करना पड़ रहा है.
रजनीश किमटा ने कहा कि करीब 15 लाख लोग बागवान हैं, जो सेब का उत्पादन करते हैं. बागवान अपने जीवन यापन के लिए इसी पर निर्भर हैं. राज्य सरकार ने इस साल की शुरुआत में हिमपात आपदा के कारण प्रभावित लोगों को मुआवजे का वादा किया था, जिसमें कुल 200 करोड़ से अधिक का नुकसान हुआ था, लेकिन इस संबंध में कुछ भी नहीं किया गया है. यह भी राज्य सरकार के जुमलों की सूची में शामिल हो गया है.
रजनीश किमटा ने कहा कि केंद्र सरकार ने आयात शुल्क को 55 प्रतिशत से घटाकर 20 प्रतिशत कर दिया है, जिसका सीधा असर भारतीय सेबों की बिक्री पर पड़ रहा है. अप्रत्यक्ष रूप से हमारे किसानों की आजीविका पर प्रहार कर किसानों की पूरी मेहनत को बर्बाद सरकार द्वारा किया जा रहा है और राज्य सरकार मौन बैठी है.
केंद्र और राज्य की सरकारें किसान विरोधी हैं. किमटा ने कहा कि सेब के बागों के रख-रखाव की लागत दिन-प्रतिदिन बढ़ती जा रही है. सरकार ने उर्वरक पर सब्सिडी बंद कर दी है, जो एक दोषपूर्ण कदम है. किमटा ने कहा है कि उर्वरकों और कीटनाशकों की दरों में 60 प्रतिशत से 300 प्रतिशत की वृद्धि हमारे बागवानों और किसानों के लिए अतिरिक्त बोझ है.