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ग्राउंड रिपोर्ट: हिमाचल में सिंचाई परियोजनाओं की खुली पोल, राजकूल की हालत दयनीय

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Published : Mar 2, 2021, 8:55 PM IST

Updated : Mar 2, 2021, 9:25 PM IST

प्रदेश में प्रधानमंत्री कृषि सिंचाई योजना के नाम से एक परियोजना चल रही है. जिसके जरिए हर खेत और बाग तक पानी पहुंचाने का लक्ष्य रखा गया. सरकार ने परियोजना के लिए करोड़ों रुपये खर्च भी किए लेकिन बड़ी बात ये है कि किसानों-बागवानों के लिए जीवनदायनी इस परियोजना में रखरखाव का भारी अभाव नजर आ रहा है.

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शिमला:ईटीवी भारत की टीम ने जब सोलन जिले की किशोरपुरा राजगढ़ नहर का जायजा लिया तो सरकारी दावों की कलई खुलती नजर आई. राजाओं की राजकूल किसी समय में फसलों की सिंचाई का जरिया थी. लेकिन यह राजकूल आज खुद अपनी हालात पर आंसू बहा रही है.

राजकूल की हालत दयनीय

2017-18 में लागू की गई सिंचाई योजना के तहत 17,880.86 हेक्टेयर भूमि तक सिंचाई का पानी उपलब्ध करवाने का लक्ष्य तय किया गया था. जिस पर कुल 338.1846 करोड़ रुपए खर्च किया जाना था. इस योजना के तहत वर्ष 2019-20 में 22.00 करोड़ का प्रावधान भी किया गया है. स्थानीय विधायक ने राजकूल की दयनीय हालत को झुठलाने की नाकामयाब कोशिश करते रहे और ये जताते रहे कि हालात थोड़े ही खराब हैं.

वीडियो रिपोर्ट.

एमएलए ने सरकार को भेज दिया है प्रस्ताव

स्थानीय एमएलए ने राजकूल को ठीक करने के लिए सरकार को प्रस्ताव भेज दिया है और उन्हें मंत्री जी की ओर से आश्वासन भी मिल गया है. हिमाचल के कुल 55.673 लाख हेक्टेयर क्षेत्र में से केवल 5.83 लाख हेक्टेयर क्षेत्र में कृषि की जाती है. 31 जनवरी 2021 तक प्रदेश का 2,85,507 हेक्टेयर क्षेत्र सिंचाई के अधीन है. इनमें से बड़ी सिंचाई परियोजनाओं के माध्यम से 2,48,130 हेक्टेयर भूमी पर सिंचाई की जा रही है. 15,286 हेक्टेयर भूमि पर मध्यम सिंचाई योजनाओं से और 22,091 हेक्टेयर भूमि पर सूक्ष्म सिंचाई योजनाओं से सिंचाई की जा रही है.

कुल क्षेत्र 55.673 लाख हेक्टेयर
कृषि क्षेत्र 5.83 लाख हेक्टेयर
सिंचाई के अधीन क्षेत्र 2,85,507 हेक्टेयर
सिंचित की जा रही भूमि 2,48,130 हेक्टेयर
मध्यम सिंचाई योजना 15,286 हेक्टेयर भूमि
सूक्ष्म सिंचाई योजना 22,091 हेक्टेयर भूमि

जारी है राजीव गांधी सूक्ष्म सिंचाई योजना

प्रदेश राजीव गांधी सूक्ष्म सिंचाई योजना जारी है. इस योजना के तहत प्रदेश में 2015-16 से 2018-19 के शुरू में साल की अवधि के लिए 154 करोड़ रुपए का प्रावधान रखा गया है. इस परियोजना के तहत 8,500 हेक्टेयर क्षेत्र ड्रिप, माइक्रो, छोटे पोर्टेवल छिड़काव, अर्ध-स्थायी छिड़काव और बड़ी मात्रा में छिड़काव के लिए 80 प्रतिशत की दर पर अनुदान किसानों को उपलब्ध करवाया जाएगा. वर्ष 2019-20 में 25.00 करोड़ रुपए के बजट का प्रावधान इस योजना के तहत किया गया है.

सूक्ष्म सिंचाई योजनाएं
साल कुल राशि
2015-16 से लेकर 2018-19 154 करोड़
2019-20 25 करोड़

बोरवेल की स्थापना के लिए 50 प्रतिश्त अनुदान

प्रदेश के अधिकांश भागों में सिंचाई के उदेश्य से पानी को लिफ्ट किया जाता है. सरकार ने सिंचाई योनजाओं के निर्माण और सिंचाई के लिए किसानों के व्यक्तिगत या समूहों द्वारा बोरवेल की स्थापना के लिए 50 प्रतिश्त अनुदान प्रोत्साहन के रूप में देने का फैसला किया है. इस योजना के तहत निम्न और मध्यम लिफ्ट सिंचाई प्रणाली, उथले कुएं, उथले बोरवेल, विभिन्न क्षमता के जल भंडारण टैंक, पंपिंग मशीनरी, जल सचय पाइप के निर्माण के लिए किसानों एवं किसानों के समूहों के लिए वित्तीय सहायता उपलब्ध हैं. वर्ष 2019-20 के लिए इस योजना के तहत 9.91 करोड़ का बजट प्रावधान किया गया है.

लिफ्ट सिंचाई एवं बोरवेल योजना
साल बजट राशि
2019-20 9.91 करोड़

उत्पादन बढ़ाने के लिए सौर सिंचाई योजना

प्रदेश सरकार ने फसलों के लिए सुनिश्चित सिंचाई प्रदान करने, उत्पादन और उत्पादकता बढ़ाने के लिए सौर सिंचाई योजना शुरू की है. सौर पीवी पम्पों की तुलना में दूर दराज के क्षेत्रों में बिजली की पहुंच महंगी है. इस योजना के तहत छोटे और सीमांत किसानों को व्यक्तिगत आधार पर सौर पंपिंग मशीनरी की स्थापना के लिए 90 प्रतिश्त, मध्यम और बडे किसानों को 80 प्रतिशत सहायता प्रदान की जाएगी. यदि कम से कम पांच किसान सामुदायिक आधार पर सौर पंपिंग मशीन लगाने का विकल्प चुनते हैं तो उन्हें 100 प्रतिशत सहायता प्रदान की जाएगी. इस योजना के तहत किसानों को 5,850 कृषि सौर पंपिंग सेट उपलब्ध कराए जाएंगे. अगले 5 वर्षों के लिए इस योजना के लिए 200 करोड़ का बजट प्रावधान है. वर्ष 2019-20 में इस योजना के लिए 30.00 करोड़ रखे गए हैं.

सौर सिंचाई योजना
साल बजट
2021-25 200 करोड़
2019-20 30 करोड़

सरकार ने शुरू की जल से कृषि को बल योजना

सिंचाई के लिए पानी उपलब्ध करवाने के लिए सरकार ने जल से कृषि को बल योजना शुरू की है. इस योजना के तहत चेक डैम और तालाबों का निर्माण किया जाएगा. छोटी-छोटी लिफ्टिंग योजनाओं या व्यक्तिगत आधार पर फ्लो सिंचाई योजनाओं के निर्माण के बाद किसान सिंचाई के उद्देश्य से इस पानी का उपयोग कर सकते हैं अगल पांच सालों के लिए इस योजना में 250 करोड़ का बजट प्रावधान है और वर्ष 2019-20 में इस योजना के लिए 25.00 करोड़ रखे हैं समुदाय आधारित लघु जल बचत योजना के कार्यान्वयन के लिए सरकार द्वारा 100 प्रतिशत खर्च उठाया जाएगा.

जल से कृषि को बल योजना
साल बजट
2021-25 250 करोड़
2019-20 25 करोड़

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Last Updated : Mar 2, 2021, 9:25 PM IST

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