शिमलाः किसी भी माता-पिता के लिए अपने बच्चे सबसे प्रिय होते हैं. माता-पिता अपनी जान जोखिम में डालकर भी अपने बच्चों की सुरक्षा करते हैं. देश सहित हिमाचल प्रदेश में कोरोना के आंकड़ों में गिरावट देखने को मिल रही है. इस बीच हिमाचल प्रदेश सरकार ने 2 अगस्त से 10वीं से 12वीं के विद्यार्थियों के लिए स्कूल खोलने का फैसला लिया है. इसके अलावा 5वीं और 8वीं के विद्यार्थियों के लिए शंकाएं दूर करने को लेकर स्कूल आने की अनुमति दी गई है. इसके लिए विद्यार्थियों को अपने अभिभावकों का सहमति पत्र साथ लाना होगा.
हिमाचल प्रदेश में स्कूलों को खोलने की अनुमति के बाद अभिभावकों की मिली जुली प्रतिक्रिया देखने को मिल रही है. जहां एक ओर कुछ अभिभावक स्कूल खोलने के फैसले का स्वागत कर रहे हैं. तो वहीं कुछ अभिभावक अपने बच्चों की सुरक्षा को लेकर चिंतित भी हैं.
शिमला की रहने वाली सुमन शर्मा के बच्चे दो बच्चे हैं. बेटी 10वीं में जबकि बेटा 12वीं कक्षा में पढ़ता है. सुमन शर्मा बच्चों की सुरक्षा को लेकर चिंतित हैं. उनका मानना है कि जब देशभर में तीसरी लहर का खतरा मंडरा रहा है. तो ऐसे में स्कूल खोलने का फैसला सही नहीं है. उनका मानना है कि प्रदेश सरकार को विद्यार्थियों की ऑनलाइन शिक्षा को और अधिक सुगम बनाने पर बल देना चाहिए. ठीक इसी तरह दर्शन लाल और बसंत कुमार भी अपने बच्चों की सुरक्षा को लेकर चिंतित हैं. उनका मानना है कि सरकार नियमों के पालन करने की बात तो कर रही है, लेकिन बावजूद इसके बच्चों के लिए खतरा लगातार बना हुआ है.