शिमला:हिमाचल के स्कूलों में बीते कई सालों से सेवाएं दे रहे कम्प्यूटर जिस व्यवस्था का विरोध कर रहे थे, अब फिर से उनको उसी व्यवस्था में डाला जा रहा है. कई सालों तक नाइलेट के तहत सेवाएं दे रहे ये शिक्षक कंपनी से हटाकर सरकार से अपने अधीन लाने की गुहार लगा रहे थे. इसको देखते हुए विधानसभा चुनाव के दौरान कांग्रेस ने इन शिक्षकों के लिए छह माह के भीतर नीति बनाने की बात की थी. हाल ही में सुक्खू सरकार ने कम्प्यूटर शिक्षकों को लेकर नाइलेट कंपनी से करार खत्म कर इलेक्ट्रॉनिक कॉरपोरेशन के अधीन लगाने का फैसला किया था, लेकिन अब कॉरपोरेशन के माध्यम से इन शिक्षकों की तैनाती आगे कंपनियों के माध्यम से की जा रही है, जिससे कम्प्यूटर शिक्षकों में भारी आक्रोश है. शिक्षकों ने चेताया है कि अगर उनको फिर से आगे सबलेट किया गया तो वह आंदोलन शुरू करेंगे.
हिमाचल की स्कूलों में कम्प्यूटर शिक्षकों के लिए आज तक सरकार ने कोई पॉलिसी नहीं बनाई है. ये शिक्षक पहले कई सालों से नाइलेट कंपनी के अधीन काम कर रहे थे. इन शिक्षकों का आरोप था कि उनका कई सालों से शोषण किया जा रहा है. यही वजह है कि ये शिक्षक लगातार सरकार से मांग उठा रहे थे कि उनको नाइलेट कंपनी के अधीन न रखा जाए. कांग्रेस ने इन शिक्षकों के लिए पॉलिसी बनाने का वादा चुनाव में किया था. इसके बाद हिमाचल में सुखविंदर सरकार ने नाइलेट कंपनी से करार खत्म कर दिया. साथ ही सरकार ने कम्प्यूटर शिक्षकों को इलेक्ट्रॉनिक कॉरपोरेशन के अधीन लाने का फैसला किया. कॉरपोरेशन के माध्यम से ही इन शिक्षकों को वेतन जारी होने की बात कही गई, लेकिन इस बीच इलेक्ट्रॉनिक कॉरपोरेशन ने इन शिक्षकों को आगे सबलेट करने की प्रक्रिया शुरू कर दी. जिसका शिक्षक विरोध कर रहे हैं.
कम्प्यूटर शिक्षकों ने की सीएम से हस्तक्षेप की मांग:कम्प्यूटर शिक्षक इस मामले को लेकर मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू से मुलाकात की. शिक्षकों ने कहा है कि इलेक्ट्रॉनिक कॉरपोरेशन उनको आगे कंपनियों के माध्यम से तैनात कर रहा है. प्रदेश में पांच कंपनियों को यह काम दिया जा रहा है, शिक्षकों का कहना था कि जिस तरह से उनको आगे सबलेट किया जा रहा है, वह उनको मंजूर नहीं है. यह तो पहले से भी खराब स्थिति होगी. क्योंकि पहले एक कंपनी को काम दिया गया था और अब आगे पांच कंपनियों को काम दिया जा रहा है. मुख्यमंत्री ने कम्प्यूटर शिक्षकों को इस बारे में आश्वासन दिया है कि उनको कंपनियों के आगे सबलेट नहीं किया जाएगा. उन्होंने कहा सरकार कम्प्यूटर शिक्षकों के लिए स्थायी पॉलिसी लाए और जब तक यह पॉलिसी नहीं बनती, तब तक उनको इलेक्ट्रॉनिक कॉरपोरेशन के अधीन रखा जाए.