किन्नौर: कोरोना वायरस को सोशल डिस्टेंसिंग से रोका जा सकता है. जिन देशों ने भी इस पर क़ाबू पाया, वहां यही हथियार अपनाया गया है. भारत में भी सोशल डिस्टेंसिंग करने को कहा जा रहा है. और इसीलिए सरकार को लॉकडाउन करना पड़ा
वहीं, जनजातीय जिला किन्नौर में भी जागरूक लोग सभी सरकारी महकमे, स्वास्थ्य विभाग व रोजाना लोगों को हाथ मिलाने के साथ सोशल डिस्टेंसिंग की पालना करने के बारे में बता रहे है. स्वास्थ्य विभाग व प्रशासन लोगों को हाथ इधर उधर ना लगाने के साथ-साथ सेनिटाइजर का इस्तेमाल करने की सलाह दे रहे है.
सीएमओ किन्नौर सोनम नेगी ने कहा कि जिला के सभी लोग जितना हो सके लोगों से हाथ मिलाना व सार्वजनिक स्थलों पर इधर उधर हाथ लगाने से बचे और सेनिटाइजर की जगह पर साबुन से हाथ धोने की कोशिश करें. उन्होंने कहा कि एक साधारण व्यक्ति दिनभर बाजार, सार्वजनिक स्थलों पर घूमता फिरता है और सेनिटाइजर के प्रयोग के बाद उन्ही हाथों से खाना खा लेते है जो घातक साबित हो सकता है.
बता दें कि कोरोना वायरस ने दुनियाभर में हमला बोल लिया है. सोशल डिस्टेंसिंग का ये दौर अभी थोड़े और समय तक चलने वाला है. हार्वर्ड यूनिवर्सिटी की एक रिपोर्ट के मुताबिक अमेरिका में सोशल डिस्टेंसिंग का ये अमल 2022 तक जारी रह सकता है. हालांकि ये रिपोर्ट अभी किसी शैक्षिक पत्रिका में छपनी बाकी है. उम्मीद है कि 2022 तक कोविड-19 की वैक्सीन और दवा खोज ली जाएगी.
वैक्सीन बनने तक सोशल डिस्टेंसिंग और क्वारंटीन का पालन करना होगा. अगर मौसम के चक्र का इस वायरस पर कुछ असर होता है, तो संभव है कि साल के अंत में ये वायरस फिर से सक्रिय हो जाए. कोविड-19 से संक्रमित व्यक्ति औसतन 2 से 3 व्यक्तियों को संक्रमित करता है.