शिमला: मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने बिजली कर्मचारियों को आश्वस्त किया है कि बिजली बोर्ड में पुरानी पेंशन जल्द बहाल कर दी जाएगी. हिमाचल प्रदेश स्टेट इलेक्ट्रिसिटी बोर्ड इंप्लाइज यूनियन की ओक ओवर में मुख्यमंत्री के साथ एक बैठक हुई. शनिवार को हुई इस बैठक में बिजली कर्मचारियों की अन्य मांगों पर भी मुख्यमंत्री ने हामी भरी है.
हिमाचल प्रदेश स्टेट इलेट्रिसिटी बोर्ड इम्प्लॉइज यूनियन के पदाधिकारियों की मुख्यमंत्री के साथ उनके सरकारी आवास ओक ओवर पर विभिन्न मुद्दों पर विस्तृत चर्चा हुई. मुख्यमंत्री ने यूनियन की अधिकतर मांगों को मानने का आश्वासन दिया है. बिजली कर्मचारी विभिन्न मांगों को लेकर आंदोलन तैयारी में थे. इसमें ओल्ड पेंशन की बहाली करना प्रमुख थी, इसके अलावा बिजली बोर्ड से पावर कारपोरेशन को निर्माणाधीन बिजली परियोजनाएं ट्रांसफर करने का फैसला वापस लेने, स्मार्ट मीटरिंग पर पुनर्विचार करने सहित अन्य मांगें शामिल थी.
बिजली बोर्ड के कर्मचारियों की इन सभी मांगों पर लंबी बातचीत के बाद मुख्यमंत्री ने यूनियन के पदाधिकारियों को आश्वस्त किया कि बिजली बोर्ड कर्मचारियों को शीघ्र पुरानी पेंशन बहाल कर दी जाएगी. यही नहीं सीएम सुखविंदर सिंह सुक्खू ने कर्मचारियों से कहा कि बिजली बोर्ड को संगठित रूप में ही रखा जाएगा. इसके संचार और उत्पादन विंगों को इससे अलग नहीं किया जाएंगे. गौरतलब है कि प्रदेश में बिजली बोर्ड के करीब 12500 नियमित कर्मचारी हैं.
यूनियन के महासचिव हीरालाल वर्मा ने कहा है कि मुख्यमंत्री ने यूनियन के सुझावों को मानते हुए कहा कि चंबा की चार छोटी जल विद्युत परियोजनाएं का निर्माण कार्य बिजली बोर्ड ही करेगा. इसे लेकर ऊर्जा सचिव से फ़ाइल भी मांगी गई है. इन परियोजनाओं को दो महीने पहले पावर कारपोरेशन निगम को कार्यान्वयन के लिए दे दिया गया था. वहीं मुख्यमंत्री ने कहा कि बिजली बोर्ड में कर्मचारियों के कमी को देखते हुए लगभग 4000 खाली पदों पर भर्ती शुरू की जाएगी. बिजली बोर्ड के निदेशक मंडल की बैठक में बोर्ड में पदोन्नति नियम बदलने की मंजूरी दे कर लगभग 4000 खाली पड़े पदों को पदोन्नति से भरने का रास्ता साफ कर लिया था.