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अस्थाई शिक्षकों की भर्ती को लेकर बैकफुट पर सरकार, सीएम सुक्खू बोले: पारदर्शी तरीके से लोक सेवा आयोग के माध्यम से होगी भर्तियां

हिमाचल प्रदेश सरकार की अस्थाई शिक्षकों की भर्ती की कोई योजना नहीं है. ये खुद मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने कहा है. पढ़ें पूरी खबर... (Cm sukhvinder singh sukhu) (temporary teachers recruitment) (temporary teachers recruitment himachal).

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मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू

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Published : Apr 27, 2023, 3:32 PM IST

मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू

शिमला:विधानसभा चुनावों में युवाओं को स्थायी रोजगार का वादा करने वाली कांग्रेस की सरकार अस्थाई शिक्षकों की भर्ती की योजना पर बैकफुट पर आ गई है. विपक्ष के हमले और चारों ओर से विरोध देख सरकार अब अस्थाई शिक्षकों की भर्ती से इंकार कर रही है. स्वयं मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू को कहना पड़ा है कि सरकार की अस्थाई शिक्षकों की भर्ती को कोई योजना नहीं है. यह भी कहा है कि सरकार पारदर्शी तरीके से लोक सेवा आयोग के माध्यम से ही शिक्षकों की भर्तियां करेगी.

हिमाचल की सुखविंदर सिंह सुक्खू सरकार अस्थाई भर्तियों को लेकर बैकफुट पर आ गई है. सुखविंदर सिंह सुक्खू सरकार शिक्षा विभाग के तहत करीब तीन हजार अस्थाई शिक्षकों की भर्तियां करने जा रही थी. शिक्षा विभाग ने अस्थाई शिक्षकों की भर्ती की पॉलिसी का ड्राफ्ट भी तैयार दिया था और रोजगार को लेकर उद्योग मंत्री हर्षवर्धन चौहान की अध्यक्षता में बनी कैबिनेट सब कमेटी ने भी इस प्रारूप पर व्यापक चर्चा की थी और इसको वह फाइनल करने जा रही थी, लेकिन इससे पहले की इसको फाइनल किया जाता, राज्य में चारों ओर इसका विरोध होने लगा. विपक्ष ने सरकार को आड़े हाथों लेना शुरू कर दिया, साथ में कांग्रेस के स्थाई रोजगार के वादे के सहारे बैठे युवाओं में भी इसको लेकर खासा रोष देखने को मिल रहा था. युवाओं का कहना था कि सरकार अपने घोषणा पत्र के विपरीत बैकडोर से अस्थाई भर्तियां करने जा रही है.

चुनाव में अग्निवीर योजना का विरोध कर स्थाई रोजगार का किया था वादा:अस्थाई शिक्षकों की नियुक्तियों को लेकर कांग्रेस सरकार घिर गई थी क्योंकि सेना में अग्नि वीरों की भर्तियों का कांग्रेस ने जमकर विरोध किया था और इसको युवाओं के साथ खिलवाड़ बताया था. यही नहीं हिमाचल में विधानसभा चुनाव के दौरान कांग्रेस ने खुलेआम अग्निवीर भर्ती को अस्थाई भर्ती करार देते हुए अपने घोषणा पत्र में वादा किया था कि सत्ता में आने पर युवाओं को स्थाई रोजगार दिया जाएगा और सरकार बनने पर एक पारदर्शी प्रक्रिया से भर्तियां की जाएंगी, लेकिन जिस तरह से शिक्षा विभाग में अस्थाई शिक्षकों की भर्तियों की योजना बनाई जा रही थी, उसको विरोध होने लगा था. विपक्ष ने कांग्रेस की सरकार को घेरना शुरू कर दिया था और कहा कि वह युवाओं के साथ धोखा कर रही है. यही नहीं युवा अस्थाई शिक्षकों की नियुक्तियों की तुलना अग्निवीर भर्तियों से कर रहे हैं और कांग्रेस पर इनको लेकर तंज भी कस रहे हैं.

मुख्यमंत्री ने कहा कि अस्थाई शिक्षकों की नहीं होगी भर्तियां:मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने अस्थाई शिक्षकों की भर्ती से इंकार किया है. उन्होंने साफ कहा है कि सरकार की अस्थाई शिक्षकों की भर्ती को कोई योजना नहीं है. किसी भी प्रकार की बैकडोर की नियुक्ति का सरकार की कोई मंशा नहीं है. उन्होंने कहा कि कैबिनेट सब कमेटी को सिर्फ इतना कहा गया था कि जहां शिक्षकों के पद है उसका ब्यौरा दे, उन्होंने कहा कि भविष्य में जब भी स्कूलों में खाली पड़े पदों पर भर्तियां होंगी वो केवल लोक सेवा आयोग के माध्यम से ही होंगी. उन्होंने कहा कि बैकडोर से अस्थाई शिक्षकों की कोई ऐसी नीति सरकार की नहीं है. हिमाचल सरकार पारदर्शिता में विश्वास रखती है और जब भी भर्ती होगी वह पारदर्शिता के आधार पर लोक सेवा आयोग के तहत ही होगी.

उल्लेखनीय है कि रोजगार देने के लिए उद्योग मंत्री हर्षवर्धन चौहान की अध्यक्षता में बनी कैबिनेट सब कमेटी की हाल ही में एक बैठक हुई थी जिसमें अस्थाई शिक्षकों की नियुक्ति के लिए तैयार पॉलिसी के ड्राफ्ट पर चर्चा की गई थी. इसके तहत राज्य में 3104 अस्थाई शिक्षकों की नियुक्तियां करने की योजना थी और आरंभ में अस्थाई शिक्षकों की नियुक्तियां तीन साल के लिए की जानी थी. शिक्षकों की भर्तियां राज्य कैडर के लिए शिक्षा निदेशालय के माध्यम से और जिला कैडर के लिए उप निदेशकों के माध्यम से कराये जाने की योजना थी. शिक्षकों की भर्ती के लिए उनकी शैक्षणिक योग्यता के आधार अंक दिए जाने थे और इसके आधार पर शिक्षकों का चयन किया जाना था, मगर इस योजना पर विपक्ष ने सरकार को घेरना शुरू कर दिया था और युवाओं में इसका विरोध शुरु हो गया था, उससे सरकार को बैकफुट पर आना पड़ा है. स्वयं मुख्यमंत्री को कहना पड़ा है कि सरकार अस्थाई शिक्षकों की बैकडोर से कोई भर्ती नहीं करेगी. शिक्षकों की जो भी भर्तियां भविष्य में होंगी वे लोक सेवा आयोग के माध्यम से ही पारदर्शी तरीके से करवाई जाएंगी.

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