शिमला:विधानसभा चुनावों में युवाओं को स्थायी रोजगार का वादा करने वाली कांग्रेस की सरकार अस्थाई शिक्षकों की भर्ती की योजना पर बैकफुट पर आ गई है. विपक्ष के हमले और चारों ओर से विरोध देख सरकार अब अस्थाई शिक्षकों की भर्ती से इंकार कर रही है. स्वयं मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू को कहना पड़ा है कि सरकार की अस्थाई शिक्षकों की भर्ती को कोई योजना नहीं है. यह भी कहा है कि सरकार पारदर्शी तरीके से लोक सेवा आयोग के माध्यम से ही शिक्षकों की भर्तियां करेगी.
हिमाचल की सुखविंदर सिंह सुक्खू सरकार अस्थाई भर्तियों को लेकर बैकफुट पर आ गई है. सुखविंदर सिंह सुक्खू सरकार शिक्षा विभाग के तहत करीब तीन हजार अस्थाई शिक्षकों की भर्तियां करने जा रही थी. शिक्षा विभाग ने अस्थाई शिक्षकों की भर्ती की पॉलिसी का ड्राफ्ट भी तैयार दिया था और रोजगार को लेकर उद्योग मंत्री हर्षवर्धन चौहान की अध्यक्षता में बनी कैबिनेट सब कमेटी ने भी इस प्रारूप पर व्यापक चर्चा की थी और इसको वह फाइनल करने जा रही थी, लेकिन इससे पहले की इसको फाइनल किया जाता, राज्य में चारों ओर इसका विरोध होने लगा. विपक्ष ने सरकार को आड़े हाथों लेना शुरू कर दिया, साथ में कांग्रेस के स्थाई रोजगार के वादे के सहारे बैठे युवाओं में भी इसको लेकर खासा रोष देखने को मिल रहा था. युवाओं का कहना था कि सरकार अपने घोषणा पत्र के विपरीत बैकडोर से अस्थाई भर्तियां करने जा रही है.
चुनाव में अग्निवीर योजना का विरोध कर स्थाई रोजगार का किया था वादा:अस्थाई शिक्षकों की नियुक्तियों को लेकर कांग्रेस सरकार घिर गई थी क्योंकि सेना में अग्नि वीरों की भर्तियों का कांग्रेस ने जमकर विरोध किया था और इसको युवाओं के साथ खिलवाड़ बताया था. यही नहीं हिमाचल में विधानसभा चुनाव के दौरान कांग्रेस ने खुलेआम अग्निवीर भर्ती को अस्थाई भर्ती करार देते हुए अपने घोषणा पत्र में वादा किया था कि सत्ता में आने पर युवाओं को स्थाई रोजगार दिया जाएगा और सरकार बनने पर एक पारदर्शी प्रक्रिया से भर्तियां की जाएंगी, लेकिन जिस तरह से शिक्षा विभाग में अस्थाई शिक्षकों की भर्तियों की योजना बनाई जा रही थी, उसको विरोध होने लगा था. विपक्ष ने कांग्रेस की सरकार को घेरना शुरू कर दिया था और कहा कि वह युवाओं के साथ धोखा कर रही है. यही नहीं युवा अस्थाई शिक्षकों की नियुक्तियों की तुलना अग्निवीर भर्तियों से कर रहे हैं और कांग्रेस पर इनको लेकर तंज भी कस रहे हैं.