शिमला:हिमाचल में दिसंबर 2022 में सत्ता परिवर्तन हुआ और राज्य की बागडोर कांग्रेस के हाथ आई. इधर सुखविंदर सिंह सुक्खू सीएम बनते ही हिमाचल में अडानी समूह ने अपने दोनों सीमेंट प्लांट में प्रोडक्शन बंद कर दिया और कारखानों में तालाबंदी कर दी. विवाद माल ढुलाई की दरों को लेकर था. दो महीने से अधिक चले विवाद का आखिरकार पटाक्षेप हो गया. इस दौरान कई प्रयास पर्दे के आगे तो कुछ पर्दे के पीछे चले.
सीएम सुखविंदर सिंह सुक्खू ने इस मामले में धैर्य का परिचय लेते हुए सरकार के मुखिया के तौर पर कोई भी बयान ऐसा नहीं दिया, जो आग में घी का काम करता. बताया जा रहा है कि पर्दे के पीछे की कसरत में सीएम सुखविंदर सिंह सुक्खू ने गौतम अडानी से भी फोन पर चर्चा की. सीएम का मानना था कि ये विवाद न तो राज्य के हित में है और न ही किसी कारोबारी समूह के. अडानी ग्रुप हिंडनबर्ग रिसर्च की रिपोर्ट के बाद शेयर मार्किट में मुश्किलें झेल रहा था.
अडानी समूह के शेयर डाउन चल रहे हैं. ऐसे में यदि हिमाचल में भी सीमेंट प्लांट्स न चलाने को लेकर अडानी समूह अड़ जाता तो स्थितियां और भी खराब हो जाती. इससे उद्योग जगत में गलत संकेत जाता. वहीं, हिमाचल सरकार के लिए भी ये मसला सुलझाना जरूरी था. यदि उद्योग जगत को ये संकेत जाता कि हिमाचल में सिस्टम अडियल है तो निवेश प्रभावित होता. यही कारण है कि सुखविंदर सिंह सरकार ने भी संयम बरता और अडानी समूह ने भी समझदारी दिखाई.
अडानी से फोन पर हुई थी CM सुक्खू की बात:बताया जा रहा है कि सीएम सुखविंदर सिंह सुक्खू ने कंपनी प्रबंधन में उपरी स्तर पर भी सरकार की मंशा को स्पष्ट किया था. सीएम सुखविंदर सिंह मीडिया और सीमेंट उद्योग से जुड़े सभी पक्षों से बातचीत में कह चुके थे कि सरकार इस मसले को सुलझाने के लिए गंभीर है और किसी भी कीमत पर ट्रक ऑपरेटर्स के हितों को सुरक्षित रखा जाएगा. सीएम सुखविंदर सिंह ने प्रयास करके ऐसा रास्ता निकाला कि ढुलाई दरों को लेकर ट्रक ऑपरेटर्स भी संतुष्ट हो गए और अडानी समूह ने भी छह से सात रुपए माल भाड़े की जिद को छोड़ दिया.
जब सरकार ने अडानी ग्रुप पर की थी सख्ती:बताया जा रहा है कि सीएम सुखविंदर सिंह ने खुद पहल करते हुए गौतम अडानी से भी संपर्क किया, जिसका परिणाम विवाद हल होने के रूप में निकला. एक समय ऐसा भी आया था, जब हिमाचल सरकार ने अडानी समूह पर सख्ती का फैसला कर लिया था. तब दाड़लाघाट सीमेंट प्लांट में एक टीम ने लीज एरिया आदि के कागजात खंगाले थे. यही नहीं, अडानी समूह के एक अन्य कारोबार को लेकर परवाणू के गोदाम में छापा मारा गया था. यहां से फार्च्यून ब्रांड से रिफाइंड ऑयल आदि की सप्लाई होती थी. फिर ये भी सुनने में आया कि हिमाचल सरकार सीमेंट प्लांट की लीज डीड को लेकर सख्त फैसला ले सकती है.