शिमला:हिमाचल में पेटियों में निर्धारित मात्रा से ज्यादा सेब भरने का मुद्दा लगातार उठता रहा है. किसान संगठन सरकार से लगातार इस शोषण को रोकने की मांग कर रहे हैं. यही वजह है कि मौजूदा सरकार भी अब बागवानों को इस शोषण से रोकने के लिए यूनिवर्सल कार्टन लागू करने पर गंभीरता से विचार कर रही है. मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने कहा है कि सरकार यूनिवर्सल कार्टन लागू करने के लिए कानूनी पहलुओं का अध्ययन कर रही है. सुखविंदर सिंह सुक्खू ने आज हिमाचल प्रदेश सहकारी बैंक के अध्यक्ष देवेंद्र श्याम के नेतृत्व में ठियोग विधानसभा क्षेत्र के एक प्रतिनिधिमंडल को संबोधित करते हुए कहा कि सरकार इसको लेकर बेहद गंभीर है.
मुख्यमंत्री ने कहा कि कहा कि राज्य सरकार ने सीए स्टोर स्थापित करने की दिशा में कदम उठाए हैं, ताकि बागवानों को उनके उत्पाद का सही मूल्य मिल सके और उन्हें बिचौलियों के शोषण से बचाया जा सके. इसके अलावा सेब आधारित डिस्टिलरी स्थापित करने पर भी विचार किया जा रहा है, ताकि बागवान कम गुणवत्ता वाले सेबों को भी बेचकर अतिरिक्त आय अर्जित कर सकें. मुख्यमंत्री ने कहा कि पर्यावरण संरक्षण के दृष्टिगत इस बार प्रदेश सरकार ने Green Budget प्रस्तुत किया है.
उन्होंने कहा कि बजट में ई-बस, ई-ट्रक और ई-टैक्सी की खरीद पर 50 प्रतिशत अनुदान का प्रावधान किया गया है तथा 250 किलोवाट से 2 मैगावाट तक की सौर ऊर्जा परियोजनाओं को स्थापित करने पर 40 प्रतिशत अनुदान देने का भी प्रावधान किया गया है. उन्होंने कहा कि हिमाचल प्रदेश सहकारी बैंक इन दोनों योजनाओं के लिए उदारतापूर्वक ऋण प्रदान करे ताकि युवाओं को स्वरोजगार के अवसर प्राप्त हों और हिमाचल देश में हरित ऊर्जा राज्य बन सके. ये दोनों प्रमुख कार्यक्रम युवाओं के जीवन में अभूतपूर्व परिवर्तन लायेंगे और उनके परिवारों के लिए आय के स्रोत उत्पन्न होंगे. उन्होंने कहा कि 2 सालों के उपरांत इन कार्यक्रमों के Positive रिजल्ट देखने को मिलेंगे.
'कृषि, मत्स्य पालन और बागवानी क्षेत्रों के लिए बैंक उदारतापूर्वक ऋण उपलब्ध करवाएं': CM सुखविंदर सिंह सुक्खू ने कहा कि कृषि, मत्स्य पालन और बागवानी क्षेत्रों के लिए बैंक किसानों को उदारतापूर्वक ऋण उपलब्ध करवाए ताकि राज्य की ग्रामीण अर्थव्यवस्था को मजबूत किया जा सके. उन्होंने कहा कि प्रदेश सरकार सही दिशा में निर्णय ले रही है, ताकि समाज के हर वर्ग का समग्र व समुचित विकास सुनिश्चित किया जा सके. उन्होंने कहा कि सरकार ने बजट में 7000 एकल नारियों को आवास निर्माण के लिए 1.50 लाख रुपये की आर्थिक सहायता देने का प्रावधान किया है.