हिमाचल प्रदेश

himachal pradesh

ETV Bharat / state

बागवानों के लिए कारगर साबित होगा कलस्टर विकास कार्यक्रम, आर्थिकी होगी सुदृढ़: CM सुक्खू - हिमाचल में कलस्टर विकास कार्यक्रम

हिमाचल सरकार प्रदेश में बागवानी के लिए कलस्टर विकास कार्यक्रम लागू कर रही है. जिसको लेकर सीएम सुखविंदर सिंह सुक्खू ने कहा कि कलस्टर विकास कार्यक्रम बागवानों के लिए कारगर साबित होगा. इससे किसानों और बागवानों की आर्थिकी सुदृढ़ होगी.

Etv Bharat
CM सुक्खू

By

Published : Jun 8, 2023, 7:21 AM IST

शिमला:मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने कहा सरकार हिमाचल में बागवानी के लिए कलस्टर विकास कार्यक्रम (सीडीपी) लागू कर रही है. प्रदेश सरकार द्वारा क्रियान्वित किये जाने वाले क्लस्टर विकास कार्यक्रम (सीडीपी) में बागवानी उत्पाद के कुशल प्रबंधन और बागवानी पारिस्थितिकी तंत्र को बदलने की क्षमता है. उन्होंने कहा कि प्रदेश की आर्थिकी को सुदृढ़ करने के लिए सीडीपी के तहत विशिष्ट ब्रांड भी बनेंगे, जिन्हें राष्ट्रीय और वैश्विक मूल्य श्रृंखलाओं में एकीकृत किया जाएगा और किसानों को उत्पादों का उचित मूल्य भी प्राप्त होगा. बागवानी फसलों में क्लस्टर-आधारित दृष्टिकोण से उत्पादन, कटाई के उपरांत प्रबंधन, विपणन और ब्रांडिंग की सुविधा मिलेगी.

मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने कहा यह फलों के तुड़ान के बाद बागबानों को उनकी उपज का बेहतर मूल्य सुनिश्चित कर बागवानी क्षेत्र में सफलता के नए आयाम स्थापित करेगा. उन्होंने कहा प्रदेश सरकार राज्य में इस कार्यक्रम को सफलतापूर्वक लागू करने पर विचार कर रही है. ताकि फल उत्पादन में सुधार हो और क्लस्टर-विशिष्ट ब्रांड बनने से क्लस्टर फसलों की प्रतिस्पर्धात्मकता भी बढ़ाई जा सके. इससे बागवानी क्षेत्र में निवेश आकर्षित करने में भी मदद मिलेगी, जिससे ग्रामीण क्षेत्रों में आर्थिक गतिविधियों को बढ़ावा मिलेगा.

क्लस्टर विकास कार्यक्रम के तहत क्लस्टर विकास एजेंसी बागवानों की समस्याओं का निवारण करेगी. हिमाचल प्रदेश राज्य एग्रीकल्चर मार्केटिंग बोर्ड को इस कार्यक्रम के विभिन्न पहलुओं का अध्ययन करने के लिए क्लस्टर विकास एजेंसी के रूप में नियुक्त किया गया है. प्रदेश में इस कार्यक्रम के कार्यान्वयन के लिए राज्य बागवानी विभाग को नोडल एजेंसी नियुक्त किया गया है, जो राष्ट्रीय बागवानी बोर्ड के साथ समन्वय करेगा. जबकि हिमाचल प्रदेश बागवानी उत्पादन विपणन और प्रसंस्करण निगम कार्यक्रम के लिए कार्यान्वयन एजेंसी के रूप में काम करेगी. मुख्यमंत्री ने कहा कि यह कार्यक्रम निश्चित रूप से राज्य के किसानों की अर्थव्यवस्था को बदलने और राज्य के बागवानी परिदृश्य को बदलने में सहायक साबित होगा.

गौरतलब है कि बागवानी ने पिछले पांच दशकों के दौरान राज्य के किसानों-बागवानों की आर्थिकी सुदृढ करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है, जिससे बागवानी हिमाचल प्रदेश के पहाड़ी क्षेत्र में आजीविका का प्रमुख स्रोत बन गई है. मुख्य रूप से सेब व अन्य समशीतोष्ण फल जैसे आड़ू, नाशपाती, बेर, खुमानी और उपोष्णकटिबंधीय फलों जैसे आम, साइट्रस, लीची, आदि के उत्पादन में शानदार उपलब्धियों के कारण प्रदेश को फल राज्य के रूप में पहचान मिली है.

ये भी पढ़ें:Investors Meeting in Shimla: CM सुक्खू ने BJP को घेरा, कहा- पूर्व सरकार ने हिमाचल के हितों को बेचा

ABOUT THE AUTHOR

...view details