शिमला:अमृतसर दौरे के दौरान मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने मंगलवार को अमृतसर के जलियांवाला बाग में देश की स्वतंत्रता के लिए अपने प्राणों की आहुति देने वाले शहीदों को कृतज्ञ प्रदेशवासियों की ओर से भावभीनी श्रद्धांजलि अर्पित की. इसके साथ ही मुख्यमंत्री ने पार्टीशन म्यूजियम का भी अवलोकन किया. इस दौरान सुखविंदर सिंह सुक्खू ने कहा कि 13 अप्रैल, 1919 को जलियांवाला बाग में रॉलेट अधिनियम के विरोध में और स्वतंत्रता सेनानियों की रिहाई के लिए शांतिपूर्ण प्रदर्शन कर रहे हजारों लोगों पर अंधाधुंध गोलियां बरसाने की तत्कालीन ब्रिटिश सरकार की नृशंस कार्रवाई के जख्म आज भी नहीं भरे हैं.
मुख्यमंत्री ने कहा कि युवा पीढ़ी को ऐसे अमानवीय कृत्यों को सदैव स्मरण रखना होगा. मुख्यमंत्री ने जलियांवाला बाग से जुड़ी प्रत्येक निशानी का सूक्ष्म अवलोकन भी किया. सुखविंदर सिंह सुक्खू ने अमृतसर में भारत पाकिस्तान बंटवारे की दुःखद स्मृतियों के प्रतीक विभाजन संग्रहालय (पार्टीशन म्यूजियम) का भी अवलोकन किया. मुख्यमंत्री ने इस दौरान कहा कि वर्ष 1947 में भारत के विभाजन से प्रभावित लोगों के दुःख और तकलीफ को शब्दों के माध्यम से व्यक्त करना अत्यन्त कठिन है. उन्होंने कहा कि ऐसी विनाशकारी स्मृतियों से उबरने के लिए राष्ट्रीय एकता और भाईचारे की भावना को और मजबूत किया जाना आवश्यक है.
सुखविंदर सिंह सुक्खू ने संग्रहालय की स्थापना के प्रयासों की सराहना करते हुए कहा कि यह प्रयास युवा पीढ़ियों को सदैव आपस में मिलजुल कर रहने और अपनों के महत्व को समझने के लिए प्रेरित करते रहेंगे. मुख्यमंत्री ने युवा पीढ़ी को इतिहास की समुचित जानकारी प्रदान करने पर भी बल दिया. उन्होंने संग्रहालय में प्रदर्शित दस्तावेजों और वस्तुओं में गहरी रुचि दिखाई और जानकारी प्राप्त की. बता दें, अमृतसर के ऐतिहासिक टाउन हॉल में वर्ष 2017 में स्थापित यह विभाजन संग्रहालय विश्व का ऐसा प्रथम संग्रहालय है. जहां विभाजन की विभीषिका को दर्शाते दस्तावेज सहेज कर रखे गए हैं. इस संग्रहालय की स्थापना द आर्ट एंड कल्चरल हेरिटेज न्यास द्वारा पंजाब विरासत एवं पर्यटन प्रोत्साहन बोर्ड (पंजाब हेरिटेज एंड टूरिज्म प्रमोशन बोर्ड) की सहायता से की गई है.