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राज्य सहकारी बैंकों में बनेगी वन टाइम सेटलमेंट नीति, जानिए ग्राहकों को मिलेंगे कौन से फायदे? - वन टाइम सेटलमेंट नीति

One Time Settlement Policy in State Cooperative Banks: हिमाचल प्रदेश में सीएम सुखविंदर सिंह सुक्खू ने राज्य सहकारी बैंकों को वन टाइम सेटलमेंट नीति बनाने के निर्देश दिए हैं. जिससे बैंक के ग्राहकों और ऋण धारकों को बेहद लाभ होगा. इसके साथ ही बैंक के समग्र वित्तीय सुधार से सहकारी बैंकों को फायदा होगा.

One Time Settlement Policy in State Cooperative Banks
One Time Settlement Policy in State Cooperative Banks

By ETV Bharat Himachal Pradesh Team

Published : Jan 12, 2024, 10:29 AM IST

शिमला:हिमाचल प्रदेश राज्य सहकारी बैंक को अपने ग्राहकों की सुविधा के लिए सीएम सुखविंदर सिंह सुक्खू नेवन टाइम सेटलमेंट (ओटीएस) नीति बनाने के निर्देश दिए हैं. सीएम सुखविंदर सिंह सुक्खू ने शिमला स्थित ओक ओवर में बैंक के अध्यक्ष देवेन्द्र श्याम और प्रबंध निदेशक श्रवण मांटा के साथ वीरवार को बैठक की. बैठक की अध्यक्षता करते हुए सीएम ने अधिकारियों को नाबार्ड और भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) के साथ मिलकर एक विस्तृत वन टाइम सेटलमेंट नीति विकसित करने के निर्देश जारी किए.

वन टाइम सेटलमेंट नीति की महत्वता:सीएम सुखविंदर सिंह सुक्खू ने कहा कि वन टाइम सेटलमेंट नीति की पहल का उद्देश्य प्रदेश के हजारों किसानों, बागवानों और बैंक से जुड़े अन्य कर्जदारों को पर्याप्त सहायता उपलब्ध करवाना है, जिसे जल्द ही शुरू किया जाएगा. वन टाइम सेटलमेंट नीति बैंक के ऋण धारकों को रियायती दर पर अपने बकाया कर्ज से निपटने के लिए अवसर प्रदान करेगी. इससे कानूनी कार्रवाई से बचा जा सकेगा और सफल निपटान के बाद ऋण धारकों के क्रेडिट स्कोर में भी सुधार होगा.

इन बैंकों को भी बनानी होगी नीति:सीएम सुखविंदर सिंह सुक्खू ने कहा कि वन टाइम सेटलमेंट नीति बनने से गैर-निष्पादित परिसंपत्तियों की पुनर्प्राप्ति करने, ऋण प्राप्ति और बैंक के समग्र वित्तीय स्थिती में सुधार होने से बैंक को भी फायदा होगा. सीएम सुक्खू ने कहा कि हिमाचल प्रदेश में कांगड़ा केंद्रीय सहकारी बैंक और जोगिन्द्रा केंद्रीय सहकारी बैंक को भी अपने उपभोक्ताओं के हित में ऐसी वन टाइम सेटलमेंट नीति विकसित करने और लागू करने के लिए समान निर्देश जारी किए जाएंगे. इन नीतियों का फायदा सिर्फ प्रदेश के ऋण धारकों को नहीं नहीं मिलेगा, बल्कि इससे हिमाचल प्रदेश राज्य सहकारी बैंकों में भी वित्तीय स्थिति में सुधार होगा.

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