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इस बार 9523.82 करोड़ होगा सालाना योजना का आकार, विधायक प्राथमिकता बैठकों में सीएम ने दी जानकारी

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Published : Feb 1, 2023, 10:33 PM IST

Updated : Feb 2, 2023, 6:18 AM IST

शिमला में बुधवार को मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू के साथ चार जिलों के विधायकों की एमएलए प्रायोरिटी मीटिंग हुई. मीटिंग में क्या कुछ निर्णय लिए गए जानने के लिए पढ़ें पूरी खबर... (CM Sukhvinder Singh Sukhu MLA Priority Meeting)

CM Sukhvinder Singh Sukhu MLA Priority Meeting.
विधायक प्राथमिकता बैठकों में सीएम.

शिमला:हिमाचल प्रदेश में वर्ष 2023-24 के लिए सालाना योजना का आकार 9523.82 करोड़ रुपए होगा. इससे पूर्व राज्य का सालाना योजना आकार 9405.41 करोड़ रुपए था. बुधवार को शिमला में मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू के साथ चार जिलों के विधायकों की एमएलए प्रायोरिटी मीटिंग में ये जानकारी दी गई. मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने वार्षिक योजना 2023-24 के लिए ऊना, हमीरपुर, कुल्लू व सिरमौर जिले के विधायकों की प्राथमिकताओं को निर्धारित करने के लिए आज यहां आयोजित बैठक की अध्यक्षता की.

इस अवसर पर मुख्यमंत्री ने अपना संकल्प दोहराया कि कांग्रेस सत्ता नहीं, बल्कि व्यवस्था परिवर्तन के लिए आई है. उन्होंने अफसरों व विधायकों को स्पष्ट रूप से कहा कि हिमाचल की आर्थिक स्थिति को देखते हुए सभी को वित्तीय अनुशासन का पालन करना होगा. अधिकारियों को खास हिदायत दी गई कि वे समय पर काम पूरा करें. मुख्यमंत्री ने कहा कि उनकी सरकार का आने वाला बजट आगामी पांच वर्ष की दिशा तय करेगा. उन्होंने कहा कि प्रदेश सरकार द्वारा पर्यटन क्षेत्र के विकास के साथ पर्यावरण संरक्षण के दृष्टि इलेक्ट्रिक वाहन अपनाने पर विशेष ध्यान दिया जा रहा है.

मुख्यमंत्री ने कहा कि सरकार ने वार्षिक योजना 2023-24 का आकार 9523.82 करोड़ रुपए प्रस्तावित किया है. उन्होंने कहा कि टेंडर की अधिसूचना के लिए 7 दिन की समयसीमा निर्धारित की गई है. वहीं, टेंडर अवार्ड करने के लिए 20 दिन की समय सीमा निर्धारित की गई है. सीएम सुखविंदर सिंह सुक्खू ने प्रशासनिक सचिवों, विभागाध्यक्षों और जिलों के डीसी से कहा कि वे विधायकों द्वारा उठाई गई समस्याओं व शिकायतों को निपटाने में कोताही न करें. साथ ही विधायकों के सुझावों पर आवश्यक कार्रवाई करें.

उन्होंने लोक निर्माण विभाग व जल शक्ति विभाग को निर्देश दिए कि नाबार्ड के तहत वित्तीय वर्ष 2022-23 के लिए 962 करोड़ के बजट का परिव्यय सही तरीके से किया जाए. साथ ही नाबार्ड कार्यालय में प्रतिपूर्ति दावे 15 मार्च, 2023 से पहले जमा करें. उन्होंने विधायकों द्वारा दी गई योजनाओं की विस्तृत परियोजना रिपोर्ट के बनाने में होने वाले विलंब को कम करने के लिए एफसीए, एफआर और गिफ्ट डीड आदि औपचारिकताओं का समयबद्ध निराकरण करने के निर्देश दिए.

मुख्यमंत्री ने कहा कि संबंधित विभाग और उपायुक्त भी अपने स्तर पर हर माह प्राथमिकताओं की समीक्षा करेंगे. जिसकी रिपोर्ट सरकार को भेजी जाएगी. मीटिंग में उद्योग मंत्री हर्षवर्धन चौहान, लोक निर्माण मंत्री विक्रमादित्य सिंह, मुख्य संसदीय सचिव सुंदर सिंह ठाकुर, मुख्य सचिव प्रबोध सक्सेना, अन्य सचिव व संबंधित जिलों के डीसी, एसपी, राज्य के योजना सलाहकार वासू सूद मौजूद थे.

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Last Updated : Feb 2, 2023, 6:18 AM IST

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