शिमला: पहाड़ी राज्य होने के कारण हिमाचल में वन भूमि अधिक है. विभिन्न विकास कार्यों के लिए वन भूमि में निर्माण की मंजूरी के लिए कठिनाई आती है. इसी समस्या को देखते हुए सीएम सुखविंदर सिंह सुक्खू ने वन विभाग के अफसरों के साथ मीटिंग में कई निर्देश दिए. इसी मसले पर सीएम ने अपने दिल्ली दौरे में केंद्रीय मंत्री भूपेंद्र यादव से भी चर्चा की है.
इसी कड़ी में मंगलवार को शिमला में सीएम ने वन विभाग के अफसरों के साथ बैठक की. बैठक में सीएम ने एफसीए यानी फॉरेस्ट कंजर्वेशन एक्ट और एफआरए यानी फॉरेस्ट राइट एक्ट की मंजूरियां जल्दी प्रदान करने के लिए संबंधित एजेंसियों के माध्यम से सहायता देने की बात कही. सीएम ने राज्य सरकार के प्रमुख कार्यक्रमों में वन संरक्षण अधिनियम (एफसीए) और वन अधिकार अधिनियम (एफआरए) की मंजूरियों के मामले में सभी अड़चनों को दूर करने के लिए कहा.
उन्होंने कहा कि एफसीए व एफआरए के मामलों में मंजूरी की प्रक्रिया में और तेजी लाने के लिए राज्य सरकार ने फॉरेस्ट क्लियरेंस कंसल्टेंट आर्गेनाइजेशन (एफसीसीओ) के माध्यम से संबंधित एजेंसियों को हैंड होल्डिंग देने का फैसला लिया है. उन्होंने कहा कि वन विभाग वन संरक्षण अधिनियम-1980 के तहत वन भूमि को गैर वनीकरण उद्देश्यों में परिवर्तित करने संबंधी मंजूरी शीघ्र हासिल करने को लेकर भारतीय गुणवत्ता परिषद (क्यूसीआई) के सहयोग से उपलब्ध हैंड होल्डिंग एजेंसियों के जरिए कम से कम समय में प्रक्रिया शुरू करेगा.