शिमला: निलंबित चल रहे हमीरपुर कर्मचारी चयन आयोग पर सरकार जल्द फैसला लेगी. मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने संकेत दिए हैं कि मार्च या अप्रैल से आयोग के माध्यम से एग्जाम करवाए जा सकते हैं. गोवा प्रवास से शिमला लौटने के बाद पत्रकारों से अनौपचारिक बातचीत में मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने कहा कि चयन आयोग की जांच को लेकर शिक्षा सचिव ने उनको रिपोर्ट दे दी है. हालांकि अभी पुलिस की रिपोर्ट आना बाकी है. उन्होंने कहा कि बड़े दुख के साथ कहना पड़ रहा है कि कर्मचारी चयन आयोग की स्थिति गंभीर है, अभी जिन परीक्षाओं के रिजल्ट नहीं निकले, उनके भी पेपर बेचे गए हैं. उन्होंने कहा कि सरकार जल्द आयोग पर फैसला लेगी. उन्होंने कहा कि सरकार नई वैकेंसी निकाल रही है, जिनकी भर्तियां मार्च और अप्रैल से करवाई जा सके, सरकार इस दृष्टिकोण से आगे बढ़ रही है.
सीमेंट विवाद पर सीएम ने सख्ती के दिए संकेत: मुख्यमंत्री ने सीमेंट विवाद पर सख्ती के संकेत दिए. मुख्यमंत्री ने कहा कि यह विवाद लंबा नहीं चलने वाला. सरकार एक दो दिन में इस मामले पर फैसला लेगी. सरकार चाहेगी कि किसी भी पक्ष को कोई नुकसान न हो. उन्होंने कहा कि सरकार सख्त कदम भी उठाएगी और सरकार ट्रक ऑपरेटरों के साथ खड़ी है. ये ट्रक ऑपरेटर हिमाचल के लोग हैं. इन लोगों ने ट्रक खरीदने के लिए बैंकों से लोन लिए और उस समय सीमेंट प्लाटों के लिए अपनी जमीनें दी हैं, जब इनकी कीमतें कम होती थीं. उन्होंने कहा कि इस मामले में मंत्री स्तर पर बातचीत हो रही है. उन्होंने दावा किया कि सीमेंट विवाद को एक-दो दिन में सुलझा दिया जाएगा.
पावर प्रोजेक्टों में हिमाचल की हिस्सेदारी घटाना गलत: मुख्यमंत्री ने कहा कि आर्थिक बदहाली के दौर से गुजर रहे हिमाचल प्रदेश की बिजली परियोजनाओं में हिस्सेदारी को 12 फीसदी से घटाकर 6 फीसदी करना गलत है. उन्होंने कहा कि इस मामले को केंद्रीय ऊर्जा मंत्री आर के सिंह से उठाया गया है और इसे बहाल करने की मांग की है. मुख्यमंत्री ने कहा कि केंद्र से योजनाएं लाने में भाजपा को मदद करनी चाहिए. उन्होंने आरोप लगाया कि पूर्व भाजपा सरकार अपने समय में डबल इंजन सरकार की दुहाई देती रही, लेकिन केंद्र से योजनाएं लोने में विफल रही. उन्होने कहा कि अब प्रदेश सरकार की ओर से विभिन्न विभागों से संबंधित डीपीआर केंद्र को भेजी जाएगी, जिसके लिए वह बैठकें करेंगे.