शिमला:हिमाचल प्रदेश राज्य सहकारी बैंक लिमिटेड (HPSCB) की इंटरनेट बैंकिंग सुविधा एकेडमी फॉर एग्रीकल्चर एंटरप्रेन्योरशिप डेवलपमेंट फॉर ग्रोथ एंड एम्पावरमेंट और नई वेबसाइट का सीएम सुखविंदर सिंह सुक्खू ने रविवार को शुभारंभ किया. शिमला में आयोजित बैंक के स्पार्क-2023 कार्यक्रम के दौरान सीएम सुखविंदर सिंह सुक्खू ने बैंक के नए LOGO का भी उद्घाटन किया. इसके अलावा सीएम ने बैंक का विजन डक्यूमेंट भी जारी किया. कार्यक्रम में सीएम सुखविंदर सिंह सुक्खू ने बैंक के बेहतरीन प्रदर्शन करने वाली शाखा कार्यालयों को पुरस्कार से सम्मानित किया.
'मजबूती से लड़ी जाएगी हिमाचल के हितों की लड़ाई': सीएम सुखविंदर सिंह सुक्खू ने कार्यक्रम में हिमाचल के हकों की बात को उठाते हुए कहा कि हिमाचल प्रदेश अपने अधिकारों के लिए पूरी मजबूती से संघर्ष करेगा. प्रदेश में 12 हजार मेगावाट बिजली का उत्पादन हो रहा है, लेकिन हिमाचल को सिर्फ इसके 12% बिजली मिल रही है. जो की हिमाचल के लोगों के साथ अन्याय है. सीएम ने कहा कि पे-बैक अवधि पूरी कर चुकी जलविद्युत परियोजनाओं में रॉयल्टी बढ़ाने की बात केंद्र सरकार के सामने रखी गई है. तय अवधि खत्म हो जाने के बाद केंद्रीय सार्वजनिक क्षेत्र उपक्रमों द्वारा बनाई गई पनबिजली परियोजनाएं हिमाचल प्रदेश को वापस मिलनी चाहिए. सीएम सुक्खू ने कहा कि शानन परियोजना को वापस लेने के लिए बातचीत शुरू हो चुकी है और मौजूदा प्रदेश सरकार हिमाचल प्रदेश के हितों और हकों की लड़ाई लड़ने को पूरी तरह से तैयार है.
'वाटर सेस हिमाचल का अधिकार, इसे लेकर ही रहेंगे': कार्यक्रम के दौरान सीएम सुखविंदर सिंह सुक्खू ने कहा कि वाटर सेस हिमाचल का अधिकार है और हम इसे लेकर रहेंगे. उन्होंने कहा कि प्रदेश सरकार आने वाले 4 सालों में हिमाचल प्रदेश की अर्थव्यवस्था को पुनः पटरी पर लाएगी. सीएम ने कहा कि राज्य सरकार ग्रीन इंडस्ट्रीज को बढ़ावा देगी, जिसमें टूरिज्म, वाटर एनर्जी, आईटी, डाटा सेंटर और फूड प्रोसेसिंग शामिल होंगे.
बैंकों को किया जाएगा आधुनिक:इस अवसर पर सीएम सुखविंदर सिंंह सुक्खू ने कहा कि हिमाचल सरकार प्रदेश में सहकारी बैंकों की हरसंभव सहायता करेगी. सीएम ने कहा कि बैंक डिजिटल टेक्नोलॉजी से अपग्रेड होने चाहिए और उपभोक्ताओं को डिजिटल टेक्नोलॉजी के जरीए बैंकिंग सुविधा दी जानी चाहिए. सहकारी बैंकों की कार्यप्रणाली में 6 महीने के अंदर सभी सुधारों को लागू किया जाएगा. सीएम ने आश्वासन दिया कि सहकारी बैंकों को जमीन खरीदने के लिए सरकार द्वारा हिमाचल प्रदेश मुजारियत एवं भू-सुधार अधिनियम 1972 की धारा 118 के तहत अनुमति प्रदान की जाएगी.