शिमला:मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने सोमवार को उपायुक्तों के साथ वर्चुअल बैठक में इंतकाल, तकसीम और निशानदेही के लंबित मामलों का 20 जनवरी 2024 तक निपटारा करने के निर्देश दिए हैं. मुख्यमंत्री की अध्यक्षता में हाई पावर कमेटी ने आज यहां प्रदेश में लंबित राजस्व मामलों की समीक्षा की और सभी उपायुक्तों को मिशन मोड पर लंबित मामलों का निपटारा करने को कहा. मुख्यमंत्री ने कहा कि वर्तमान राज्य सरकार आम लोगों की सरकार है और जन समस्याओं का निपटारा ही हमारी प्राथमिकता है, इसलिए सरकार लंबित राजस्व मामलों की संख्या शून्य करना चाहती है. मुख्यमंत्री कहा कि प्रदेश में काफी संख्या में राजस्व मामले लंबित हैं, जिनका तुरंत निपटारा करना आवश्यक है. सभी अधिकारी इस मामले पर गंभीरता से पर कार्रवाई करें.
मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने कहा कि नायब तहसीलदार से लेकर मंडलीय आयुक्त लंबित राजस्व मामलों की दैनिक आधार पर सुनवाई कर उनका समय से निपटारा करें. सभी अधिकारियों की वार्षिक एसीआर में भी इस प्रगति को दर्शाया जाएगा. राज्य सरकार ने प्रदेश भर में 30 और 31 अक्टूबर, 2023 को इंतकाल अदालतों का आयोजन किया, जिसके परिणाम बेहतर रहे और इंतकाल के लंबित 41,907 मामलों में से 31,105 का निपटारा कर दिया गया. मुख्यमंत्री ने कहा कि आने वाले 1 और 2 दिसंबर को दोबारा प्रदेश भर में इस प्रकार की विशेष अदालत का आयोजन किया जाएगा, जिसे राजस्व लोक अदालत का नाम दिया गया है. इस विशेष अदालत में लंबित मामलों पर प्राथमिकता के आधार पर फैसला किया जाएगा.
बता दें कि सुखविंदर सिंह सुक्खू ने सभी उपायुक्तों को निपटाए गए मामलों की पूरी रिपोर्ट मासिक आधार पर भेजने के निर्देश दिए, जिसमें व्यक्ति का नाम, पता और फोन नंबर का पूरा विवरण उपलब्ध हो. उन्होंने कहा कि उपायुक्त अपने-अपने जिलों में राजस्व अधिकारियों के साथ बैठकें कर लंबित राजस्व मामलों का तेजी से निपटारा करने की रणनीति तैयार करें. इसके लिए आवश्यकता अनुसार स्टाफ का युक्तिकरण करें. किसी भी राजस्व मामले में तीन दिन से ज्यादा दिन न दी जाए.