शिमला:राज्य सरकार जहां जरूरत होगी वहां पर संस्थानों को फिर से खोलेगी यह बात आज हिमाचल विधानसभा बजट सत्र के दूसरे दिन प्रदेश के मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने कही. विपक्ष द्वारा नियम-67 के तहत लाए स्थगन प्रस्ताव पर चर्चा का जवाब देते हुए सीएम ने कहा कि पूर्व सरकार ने नए 23 कॉलेज के लिए मात्र एक एक लाख के बजट का प्रावधान किया था. उन्होंने कहा कि 100 कॉलेजों में एक भी प्रिंसिपल नहीं है. इसी तरह 1300 पद लेक्चरर के खाली पड़े हैं.
उन्होंने कहा कि पूर्व सरकार ने इस तरह की शिक्षा व्यवस्था हिमाचल को दी है. राज्य में 4145 प्राइमरी स्कूल मात्र एक टीचर के सहारे हैं. इसी तरह 455 स्कूलों में एक भी टीचर नहीं है. 286 स्कूलों में एक भी बच्चे ने ए़डमिशन नहीं ली. उन्होंने कहा कि राज्य के शिक्षण संस्थानों में 1200 पद शिक्षकों के खाली हैं. मुख्यमंत्री ने कहा कि स्वास्थ्य विभाग में 140 संस्थान खोल दिए जिनमें 9 के लिए ही पूर्व सरकार ने वित्त विभाग की मंजूरी ली. इसी तरह राजस्व सहित अन्य विभागों में भी बिना बजट प्रावधान के सैकड़ों संस्थान खोले गए. उन्होंने कहा कि जहां नीड बेस्ड होगा उन संस्थानों में पहले स्टाफ देंगे फिर उनको खोलेंगे.
विपक्ष द्वारा लाए गए काम रोको प्रस्ताव को बाद में सदन ने विपक्ष की गैरमौजूदगी में ध्वनिमत से रद्द कर दिया. मुख्यमंत्री ने कहा कि सरकार ने जहां जरूरी था, वहां कुछ संस्थानों को सरकार ने फिर से खोला है. मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रदेश सरकार ने एक अप्रैल 2022 के बाद खोले गए सभी संस्थानों को डिनोटिफाई करने का नीतिगत फैसला लिया है. इसी के तहत इन संस्थानों को बंद किया गया है और अब जरूरत को देखते हुए संस्थानों को खोलने का फैसला भी लिया जा रहा है. उन्होंने कहा कि पूर्व भाजपा सरकार ने बिना बजट और बिना स्टाफ के सैकड़ों संस्थान खोल दिए.
उन्होंने कहा कि शिक्षा विभाग में शिक्षकों के 12 हजार पद खाली पड़े हैं. इसके बावजूद पूर्व सरकार ने महज राजनीतिक लाभ लेने के लिए सैकड़ों की संख्या में शिक्षण संस्थान खोल डाले. मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने कहा कि उनकी सरकार पहले लेक्चररों के खाली पद भरेगी और उसके बाद नए संस्थान खोलेगी. इस पर सदन में हंगामा हुआ. संसदीय कार्य मंत्री हर्षवर्धन चौहान ने चर्चा के दौरान कहा कि विपक्ष द्वारा किए गया हंगामा भाजपा की बौखलाहट है. उन्होंने कहा कि विपक्ष मुख्यमंत्री के जवाब के दौरान सदन में मौजूद रहा.
मुख्यमंत्री के जवाब के बाद सदन से बाहर जाने का कोई औचित्य नहीं है. उन्होंने कहा कि विपक्ष में बात सुनने की हिम्मत नहीं है. उन्होंने यह भी कहा कि पूर्व मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर ने अपने कार्यकाल के अंतिम छह माह में 80 फीसदी से अधिक संस्थान खोले. उन्होंने कहा कि भाजपा को प्रदेश की जनता ने ठुकराया है और वह इसे सहन नहीं कर पा रही है. उन्होंने आज के विपक्ष के प्रदर्शन को तथ्यहीन करार दिया और कहा कि विपक्ष चर्चा के लिए तैयार ही नहीं था. संसदीय कार्य मंत्री ने यह भी कहा कि सत्ता पक्ष सदन को सुचारू रूप से चलाने के लिए पूरा सहयोग कर रहा है, लेकिन विपक्ष इस मामले में सहयोग नहीं दे रहा है.
सरकार ने संस्थान बंद करने की गलत परंपरा की शुरू-पूर्व मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर ने इससे पहले चर्चा में हिस्सा लेते हुए कहा कि मौजूदा सरकार ने संस्थानों को बंद करने की गलत परंपरा शुरू की है. उन्होंने कहा कि यह मंहगी पड़ेगी. उन्होंने कहा कि इस सरकार के 11 दिसंबर 2022 के बाद खोले गए संस्थानों पर आने वाले भाजरा सरकार पुनर्विचार करेगी., उन्होंने कहा कि हमने अपनी मर्जी से संस्थान नहीं खोले, लोगों की मांग पर खोले हैं. उन्होंने कहा कि बहुत सारे संस्थानों में एसडीएम आफिस नहीं थे, उन्होंने कहा कि सरकार के संस्थानों को बंद करने के फैसले से लोगों में रोष है.
आमतौर पर सरकार के खिलाफ चार सालों में जो माहौल होता है वह मात्र तीन माह में सरकार के खिलाफ बन गया है. उन्होंने कहा कि मौजूदा सरकार ने अप्रैल 2022 के बाद खोले संस्थानों को बंद करने से उनकी सरकार के पूरे वित्तीय साल नहीं माना है, यह गलत शुरुआत की गई है. जयराम ठाकुर ने कहा कि जब वह सीएम बने थे तो उन्होंने कहा था कि वह बदले की भावना से काम नहीं करेंगे और पांच सालों में उन्होंने बदले की भावना से कोई काम भी नहीं किया. लेकिन मौजूदता सरकार ने बड़े स्तर पर उनकी सरकार के खोले गए संस्थान बंद कर दिए. उन्होंने कहा कि आज तक के मुख्यमंत्री पानी वाले और सड़कों वाले जाने जाते हैं, लेकिन सुखविंदर सिंह सुक्खू तालाबंदी के लिए जाने जाएंगे.
जयराम ठाकुर ने सीएम से कहा कि आपको गलतफहमी में नहीं रहना चाहिए कि आप हमेशा के लिए हैं. क्या मालूम है कि आपका कार्यकाल कितना हो. मुख्यमंत्री ने कहा कि सरकार ने मेरे क्षेत्र में भी कई संस्थान बंद कर डाले. उन्होंने कहा कि पूर्व की वीरभद् सरकार ने एक हफ्ते में 21 कालेज खोले थे लेकिन हमने एक दो को छोड़कर सभी को फंक्शनल कर दिया, लेकिन मौजूदा सरकार ने तो कुछ नहीं छोड़ा. सब कुछ बंद कर दिया. जयराम ठाकुर ने कहा कि आपकी सांस 10 गारंटियों को लेकर फूल रही है, ये गारंटी नहीं गले की फांस बन गई है. उन्होंने कहा कि ओपीएस पहली कैबिनेट में देने की बात कही थी लेकिन चार कैबिनेट में इसकी एसओपी नहीं आई. एसओपी की जलेबी बना दी गई.
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